भोपाल:
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके साथियों से लोकायुक्त की टीम पूछताछ कर रही है। लोकायुक्त की टीम को अभी तक कोई खास सुराग नहीं मिला है कि आखिर सौरभ शर्मा ने काली कमाई कैसे की। सौरभ शर्मा के ठिकानों पर हुई छापेमारी में जांच एजेंसियों को अकूत दौलत मिली थी। 52 किलो सोने का रहस्य अभी भी रहस्य बना हुआ है। खास बात ये है कि जिन 10 लोगों के सथ मिलकर सौरभ शर्मा ने काली कमाई की थी उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
ग्वालियर के अधिवक्ता संकेत साहू ने 29 जनवरी को लोकायुक्त और डीजीपी से शिकायत की थी। इस दौरान उसने कहा था कि सौरभ शर्मा ने इन 10 लोगों के खिलाफ मिलकर काली कमाई की थी। ये सभी परिवहन विभाग के आरक्षक थे। इन 10 में से 5 के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज कराई गई थी।
गौरव पाराशर
गौरव पाराशर 2012 में नौकरी में आयाथा। वह शिवपुरी का रहने वाला है। एक नेता का करीबी बताया जाता है। उसने श्योपुर, शिवपुरी, झांसी और इंदौर में करोड़ों की प्रॉपर्टी खरीदी और बेची है। उसकी पत्नी के नाम पर भी करोड़ों की प्रॉपर्टी है।
नरेन्द्र सिंह भदौरिया
नरेन्द्र सिंह भदौरिया भिंड जिले का रहने वाला है। इसे सौरभ शर्मा का राइट हैंड माना जाता था। वह अपने क्षेत्र से वसूली करता था। इंदौर में उसकी करोड़ों रुपये की कोठी बनवा रहा है। इसके अलावा उसके पास ग्वालियर और भिंड में भी करोड़ों की संपत्ति है।
दशरथ पटेल
दशरथ पटेल के खिलाफ 2019 में शिकायत दर्ज कराई गई थी। सेंधवा बैरियर पर घूसखोरी का मामला सामने आया था। इंदौर लोकायुक्त की शिकायत में कहा गया था कि दशरथ वसूली करता है। इसके पास भी करोड़ों रुपये की संपत्ति है। लोकायुक्त में शिकायत दर्ज है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
हेमंत जाटव
शिवपुरी के रहने वाले हेमंत जाटव के पास भी करोड़ों रुपये की संपत्ति है। वह 2012 में सेवा में आया था। उसके खिलाफ भी मामला दर्ज है लेकिन इस मामले में अभी तक कोई जांच नहीं हुई है। उसने ग्वालियर, शिवपुरी और श्योपुर में करोड़ों रुपये की संपत्ति खरीदी है। इसके खिलाफ भी लोकायुक्त में शिकायत दर्ज है लेकिन अभी तक कोई जांच नहीं हुई है।
धनंजय चौबे
धनजंय चौबे को सौरभ शर्मा का सबसे खास माना जाता है। मध्य प्रदेश के कई जिले में धनंजय ने संपत्ति खरीदी है। महंगी गाड़ियां भी हैं। इसके खिलाफ भी शिकायत दर्ज हुई है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।