‘अंगार फेंक रहे थे, पत्थर मार रहे थे…’, तलवार-चाकू से लैस उपद्रवियों की गुंडागर्दी Video में दिखी

नागपुर ,

महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा भड़कने के बाद अबतक 47 लोगों को डिटेन किया गया है. इस हमले में तीन डीसीपी घायल हो गए हैं. इनमें डीसीपी अर्चित चांडक , डीसीपी निकेतन कदम , डीसीपी शशिकांत सातव शामिल हैं. इन तीनों डीसीपी का नागपुर के निजी हॉस्पिटल के इलाज जारी है. डीसीपी निकेतन कदम को हाथ में 20 टाके लगे हैं. डीसीपी शशिकांत सातव को घुटने मे चोट लगी है. डीसीपी अर्चित चांडक को मामूली चोट है लेकिन उन्हें आब्जर्वेशन में रखा गया है. फिलहाल तीनों की हालत स्थिर बताई जा रही है. इन्हें आज शाम तक हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने की संभावना है.

इस बीच इस घटना के वीडियो सामने आ रहे हैं. इस वीडियो में उपद्रवियों को हिंसा करते देखा जा सकता है. एक वीडियो में 7-8 उपद्रवी दिखते हैं और एक गली में खड़ी कारों पर डंडों से दनादन वार करने लगते हैं. जबकि कुछ लोग पत्थर फेंक रहे होते हैं. एक दूसरे वीडियो में उपद्रवियों का हुजूम एक मोड पर इकट्ठा दिखता है. यहां ये हंगामा कर रहे होते हैं. यहां उपद्रवी दुकानों का गेट पीट रहे दिख रहे हैं. इनकी संख्या दर्जनों में है. ये लोग पत्थर-डंडो से दुकान को क्षति पहुंचाने की कोशिश करते हुए दिखते हैं. उपद्रवियों के बगल में ही एक जली हुई बाइक दिखाई दे रही है.

एक तीसरे वीडियो में उपद्रवी डंडे आकर आते हुए दिखते हैं. और गाडियों पर पत्थर बरसाते दिख रहे हैं. गाड़ियों में उपद्रवियों के अलावा कोई नहीं दिखता है. यहां पूरा सन्नाटा पसरा हुआ है.

इस हिंसा के एक चश्मदीद ने कहा कि उपद्रवियों के हाथ में तलवार और चाकू थे. हमारे संवाददाता ने बताया कि नागपुर के हंसापुरी में एक स्थान पर 8 बाइक्स जली हुई भी मिली. हंसापुरी के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कल रात को 10.30 बजे पीछे से चिल्लाते हुए आए, फिर अचानक 50-100 से ज्यादा लोग आ गए. इनमें से किसी के हाथ में चाकू, किसी के हाथ में तलवार तो कोई जलता हुआ अंगार लेकर आया था. हमनें जल्दी से दरवाजा बंद कर लिया. तब वे लोग पत्थर मारने लगे. कई लोग अंगार फेंक रहे थे. कई लोगों को चोट आई. कई लोग मुंह पर कपड़ा बांध हुए थे. उन्होंने लोहे का दरवाजा तोड़ डाला.

सोमवार शाम भड़की हिंसा
बता दें कि सबस पहले सोमवार शाम महाल इलाके के चिटनिस पार्क के पास शाम 7.30 बजे हिंसा भड़की. उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया. पुलिस ने बताया कि हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित यही इलाका है. यहां उपद्रवियों ने कुछ गाड़ियों में आग लगा दी. कुछ लोगों के घरों पर भी पत्थर फेंके गए. इसके बाद रात 10.30 से 11.30 के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास हंसापुरी इलाके में एक और झड़प हुई. भीड़ ने कई गाड़ियों को जला दिया.

नागपुर पुलिस का कहना है कि अफवाहों की वजह से झड़प हुई. नागपुर पुलिस के डीसीपी (ट्रैफिक) अर्चित चांडक ने बताया कि घटना गलतफहमी की वजह से हुई लेकिन स्थिति अब नियंत्रण में है. पत्थरबाजी हो रही थी, इसलिए हमने बल प्रयोग किया और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया.

अपराधियों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है. नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर सिंघल ने आश्वस्त किया है कि हालात नियंत्रण में हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. वहीं, नागपुर पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर सिंघल ने कहा कि वर्तमान में शहर में स्थिति शांतिपूर्ण है.

नागपुर के पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार सिंगल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत एक नोटिस जारी किया है. इसमें कहा गया है कि कर्फ्यू कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरानगर और कपिलनगर पुलिस थाना क्षेत्रों पर लागू होता है. अगली सूचना तक ये प्रतिबंध लागू रहेंगे.

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