जेल में महिला कैदियों का हो रहा है यौन शोषण, पीएम मोदी को लिखी गई चिट्ठी? क्या है इस दावे का सच

नई दिल्ली:

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि जेल में बंद एक महिला कैदी ने पीएम मोदी को चिट्टी लिखी है। अपनी चिट्ठी में उसने कहा है कि जेल में बंद महिला कैदियों को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता है। जो महिला कैदी ऐसा करने से इंकार करती हैं, उन्हें जेल में भूखा रखा जाता है। सजग टीम ने सोशल मीडिया पर किए जा रहे इस दावे की सच्चाई का पता लगाया।

सोशल मीडिया पर दावा
अखबार की एक कटिंग को एक्स पर शेयर करते हुए पूजा सिंगल नाम के हैंडल से लिखा गया है, ‘धिक्कार है ऐसे पीएम पर, जो इन महिलाओं की सुरक्षा अभी तक नहीं कर रहा है!’ इसी तरह का दावा एक्स पर रोशनी यादव, मोहम्मद उस्मान, विवेक कुशवाहा और डॉक्टर विलास खरात नाम के हैंडल से भी किया गया है।

दावे की सच्चाई क्या है?
सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे की हकीकत का पता लगाने के लिए हमने इंटरनेट पर संबंधित कीवर्ड के साथ इस खबर को तलाशा। यहां पड़ताल में कुछ और ही सच्चाई निकलकर सामने आई। दरअसल, सर्च में मिली खबरों से हमें पता चला कि यह मामला हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि 6 साल पुराना है। इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने बिहार सरकार से रिपोर्ट भी मांगी थी।

सर्च में मिली, 14 अप्रैल 2019 की दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, बिहार के मुजफ्फरपुर में एक महिला कैदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उसने जेल के अंदर यौन शोषण होने की शिकायत की है। महिला का कहना है कि जेल में शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डाला जाता है। ऐसा न करने पर उन्हें पीटा जाता है।

खबर में आगे लिखा है, महिला कैदी ने प्रधानमंत्री के अलावा महिला आयोग, मुख्यमंत्री, राज्य के मुख्य सचिव और जेल आईजी को भी पत्र भेजे हैं। इस पत्र के बाद सेक्शन पदाधिकारी जितेंद्र कुमार मंडल ने राज्य के मुख्य सचिव और मुजफ्फरपुर के डीएम से मामले की रिपोर्ट मांगी है। डीएम आलोक रंजन घोष ने 5 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। यह टीम एक सप्ताह में रिपोर्ट देगी।

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