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Monday, September 15, 2025
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1.5 लाख का मुफ्त इलाज, एक्सीडेंट में घायल लोगों के लिए संजीवनी बनेगी भारत सरकार की नई योजना

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सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों के इलाज के लिए केंद्र सरकार ने एक नई योजना लागू की है। केंद्र सरकार ने Cashless Treatment of Road Accident Victims Scheme, 2025 को लॉन्च कर दिया है। इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। सड़क परिवहन एवं हाइवे मंत्रालय ने सोमवार को इस योजना को शुरू कर दिया है। मंत्रालय ने इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है।

केंद्र सरकार की इस स्कीम के मुताबिक अगर कोई सड़क दुर्घटना में घायल होता है तो एक्सीडेंट की तारीख से लेकर 7 दिनों तक 1,50,000 रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य समय पर इलाज न मिलने की वजह से हर साल सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत की संख्या को कम करना है। सडक परिवहन के डाटा की मानें तो साल 2023 में 4.80 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 1.72 लाख लोगों की मौत हो गई थी। मंत्रालय का लक्ष्य है कि 2030 तक सड़क दुर्घटना में जान गंवाने की संख्या में 50 फीसदी की कमी लाना है।

किसे मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ देश के सभी नागरिकों को मिलेगा। मंत्रालय की नोटिफिकेशन के मुताबिक, ‘कोई भी व्यक्ति जो मोटर वाहन की वजह से सड़क पर घायल हो जाता है, वह इस योजना के तहत कैशलेस ट्रीटमेंट करा सकता है। इस योजना के लिए चुने गए अस्पतालों के अलावा किसी अन्य अस्पताल में इलाज तभी तक रहेगा जब तक कि पीड़ित की हालत स्थिर नहीं हो जाती।’

योजना की निगरानी करेगी कमेटी
नोटिफिकेशन के मुताबिक राज्य सड़क सुरक्षा परिषद इस योजना को राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लागू करने के लिए नोडल एजेंसी होगी। यह परिषद नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) के साथ संयोजन कर पोर्टल पर अस्पतालों की सूची मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा पीड़ितों के इलाज और अस्पतालों को किए जाने वाले भुगतान की जिम्मेदारी भी इन्हीं की होगी। केंद्र सरकार योजना पर निगरानी रखने के लिए स्टीयरिंग कमेटी का भी गठन करेगी। इस कमेटी की अध्यक्षता Road Secretary करेंगे और NHA के CEO सदस्य होंगे। इसके अलावा कमेटी में सड़क परिवहन व हाइवे मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव, गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव भी होंगे। इसके अलावा राज्यों, इंश्योरेंस कंपनियों और तीन गैर सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल होंगे।

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