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Wednesday, July 2, 2025
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ट्रंप से डर गए एलन मस्क… भारत में टेस्ला की एंट्री के दावे हुए धुआं, इन 4 दिग्गजों का रास्ता साफ

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नई दिल्ली

एलन मस्क की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला भारत में अपनी कारों का निर्माण करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। अलबत्ता, वह सिर्फ देश में अपनी कारों को बेचना चाहती है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने यह जानकारी दी है। मंत्री के अनुसार, टेस्ला की भारत में शोरूम शुरू करने में ज्यादा रुचि है। लेकिन, यहां मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने में नहीं। इस घोषणा के साथ ही मंत्री ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए नई दिशानिर्देशों की शुरुआत की। इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टेस्ला की भारत में एंट्री पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर टेस्ला भारत में कारखाना स्थापित करने का निर्णय लेती है तो यह अमेरिकी मैन्युफैक्चरर्स के लिए ‘अनुचित’ होगा। एलन मस्क अमेरिकी राजनीति में संभावित बदलावों को लेकर चिंतित हैं। यही वजह है कि टेस्ला की भारत में एंट्री को लेकर उनके दावे फिलहाल ठंडे पड़ गए हैं।

एचडी कुमारस्वामी ने मीडिया को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ‘टेस्ला… वे केवल शोरूम शुरू करने में अधिक (इच्छुक) हैं। वे भारत में मैन्युक्चरिंग (शुरू) करने में दिलचस्पी नहीं रखते हैं।’ यह बयान ऐसे समय में आया है जब मंत्री भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसी के दिशानिर्देश जारी कर रहे थे।

एक अधिकारी ने बताया कि टेस्ला ने इस योजना पर हितधारक चर्चाओं के केवल पहले दौर में भाग लिया था। अधिकारी ने कहा, ‘अब तक उन्होंने (टेस्ला) रुचि नहीं दिखाई है। टेस्ला के प्रतिनिधि ने भारत में इलेक्ट्रिक कारों की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की योजना के लिए हितधारक चर्चाओं के केवल पहले दौर में भाग लिया। कंपनी के प्रतिनिधि हितधारक विचार-विमर्श के दूसरे और तीसरे दौर का हिस्सा नहीं थे।’

इन चार द‍िग्‍गजों का रास्‍ता साफ
इस बीच, मर्सिडीज-बेंज, स्कोडा-फॉक्सवैगन, हुंडई और किआ जैसी अन्य विदेशी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भारत में इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरिंग में दिलचस्पी दिखाई है। भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बताया कि मर्सिडीज बेंज, फॉक्सवैगन, स्कोडा, हुंडई, किआ, इन सभी कंपनियों ने पहले ही रुचि दिखाई है। वैश्विक ऑटो दिग्गजों से यह रुचि भारत में इलेक्ट्रिक यात्री कारों की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की योजना पर सरकार और उद्योग के बीच चल रही चर्चाओं के बीच आई है।

कम से कम 4,150 करोड़ का निवेश
एक अधिकारी के अनुसार, कंपनियों के लिए भारत में एंट्री करने के लिए आवेदन करने की विंडो कुछ हफ्तों में खुलेगी। सरकार यह देखने के लिए इंतजार कर रही है कि कौन सी कंपनियां वास्तव में इस योजना के तहत आवेदन करती हैं। अनुमोदित आवेदकों को योजना के प्रावधानों के अनुसार भारत में न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा।

रिपोर्ट के अनुसार, भारी उद्योग मंत्रालय के पास 15 मार्च, 2026 तक आवश्यकतानुसार आवेदन विंडो खोलने का अधिकार होगा। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत में बेचे जाने वाले सभी वाहनों में से 30% इलेक्ट्रिक वाहन हों। इस हासिल करने के लिए सरकार को इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में निवेश को आकर्षित करने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति के तहत अमेरिकी कंपनियों को अमेरिका में ही मैन्युफैक्चरिंग के लिए दबाव बना रहे हैं। आईफोन बनाने वाली ऐपल को भी हाल में उन्होंने धमकी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर ऐपल भारत या कहीं और अपने आईफोन बनाकर अमेरिका में बेचती है तो उसे ज्यादा टैरिफ देना होगा।

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