Bhopal Railway Overbridge:मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक रेलवे ओवरब्रिज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया यूज़र्स इसकी जमकर ट्रोलिंग भी कर रहे हैं. दरअसल इस पुल पर एक अजीबोगरीब 90 डिग्री का मोड़ बनाया गया है जिसके कारण स्थानीय लोगों ने यात्रियों के लिए चिंता जताई है.
वहीं इस पुल को बनाने वाले अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं तो उन्होंने तर्क दिया है कि इस पुल को बनाने के लिए ज़मीन की कमी थी इसके अलावा पास में मेट्रो स्टेशन होने के कारण उनके पास कोई और रास्ता नहीं था. जब यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो PWD मंत्री राकेश सिंह ने इसका संज्ञान लिया है.
मंत्री राकेश सिंह ने लिया संज्ञान जांच के आदेश
इस मामले का संज्ञान लेते हुए मंत्री राकेश सिंह ने ट्वीट कर कहा कि भोपाल के अशबाग इलाके में बने रेलवे ओवरब्रिज का NHAI की टीम ने निरीक्षण किया है इस मामले की रिपोर्ट गुरुवार तक आ जाएगी. उसी आधार पर निर्णय लिया जाएगा और कार्रवाई भी की जाएगी. आपको बता दें कि इस अशबाग रेलवे ओवरब्रिज के 90 डिग्री के मोड़ को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे कि इस मोड़ के कारण कोई भी यात्री हादसे का शिकार हो सकता है. इसी को लेकर PWD मंत्री ने जांच कराने की बात कही थी.
करीब 18 करोड़ रुपये की लागत से बना पुल
जानकारी के अनुसार जब मार्च 2023 में इस ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हुआ था तब सरकार ने कहा था कि इसके चालू होने से अशबाग इलाके के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. लोगों को अब रेलवे फाटक पर घंटों इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा और न ही दूसरी तरफ जाने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ेगा. बताया गया था कि इस पुल से रोज़ाना करीब तीन लाख लोगों को फायदा होगा. करीब 18 करोड़ रुपये की लागत से बने इस ओवरब्रिज की लंबाई 648 मीटर और चौड़ाई 8.5 मीटर है.
अजीबोगरीब 90 डिग्री का मोड़ बना चिंता का सबब
हालांकि इस पुल का डिज़ाइन अब चर्चा में है. दरअसल इसमें एक अजीबोगरीब 90 डिग्री का मोड़ बनाया गया है जिसके बारे में लोग सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग भी कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट्स भी किए जा रहे हैं. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा मोड़ बहुत ख़तरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे वाहनों को मोड़ने में दिक्कत होती है और दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ जाता है. कई लोगों ने यह भी कहा कि इतनी भारी लागत से बने पुल का डिज़ाइन थोड़ा और सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया जाना चाहिए था.
अधिकारियों का तर्क ज़मीन की कमी और मेट्रो स्टेशन
अधिकारियों ने इस अजीबोगरीब मोड़ के पीछे ज़मीन की कमी और पास में बन रहे मेट्रो स्टेशन को वजह बताया है. उनका कहना है कि डिज़ाइन को मौजूदा परिस्थितियों के अनुकूल बनाना पड़ा. हालांकि यह तर्क जनता की चिंता को कम नहीं कर पा रहा है जो सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं.
अस्वीकरण: यहाँ दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर वायरल हुई खबरों पर आधारित है. पुल की सुरक्षा और डिज़ाइन से संबंधित अंतिम निर्णय और कार्रवाई सरकारी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगी.