20.7 C
London
Sunday, June 15, 2025
Homeराष्ट्रीयAhmedabad Plane Crash: हवा में आग का गोला बना AI-171 जानिए क्यों...

Ahmedabad Plane Crash: हवा में आग का गोला बना AI-171 जानिए क्यों जलते हैं प्लेन हादसे के बाद

Published on

Ahmedabad Plane Crash:अहमदाबाद में 12 जून 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई.1 यह फ्लाइट अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रही थी और टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद मेघानी नगर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस विमान में 242 लोग सवार थे और हादसे के बाद भीषण आग लगने के वीडियो सामने आए हैं.2 इसके साथ ही, चश्मदीदों ने भी विमान दुर्घटना के बाद आग का विशाल गुबार देखा. आइए जानते हैं विमान हादसे के बाद आग क्यों लग जाती है?

विमान दुर्घटना में आग क्यों लगती है

विमान हादसों में आग लगने का सबसे बड़ा कारण विमान में भरा जेट फ्यूल होता है. एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 जैसे बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में लंबी दूरी की उड़ानों के लिए हज़ारों लीटर जेट फ्यूल (Jet A-1 या मिट्टी का तेल) होता है. अहमदाबाद हादसे में विमान लंदन जा रहा था, जिसके लिए फ्यूल टैंक भरे हुए थे. दुर्घटना के दौरान, ख़ासकर टेकऑफ या लैंडिंग पर, फ्यूल टैंक फट सकते हैं और यह फ्यूल हवा के संपर्क में आते ही आसानी से आग पकड़ लेता है.

किसी दुर्घटना में, विमान के हिस्से, जैसे इंजन या बिजली के तार, टक्कर से चिंगारी पैदा कर सकते हैं. अहमदाबाद में विमान एक इमारत से टकराया. यह काफी संभावना है कि इससे धातु के पुर्जों के बीच घर्षण हुआ होगा और चिंगारी ने फ्यूल में आग लगा दी होगी.

कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, यह दुर्घटना इंजन फेल होने या किसी बाहरी वस्तु जैसे पक्षी से टकराने के कारण हुई हो सकती है. जब भी कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो भारी ईंधन और ज़ोरदार टक्कर के कारण आग तेज़ी से फैलती है, जिससे बचाव कार्य मुश्किल हो जाता है.

आग का तापमान कितना होता है

विमान दुर्घटना में आग का तापमान बहुत ज़्यादा होता है. जेट A-1 ईंधन का दहन तापमान 800 डिग्री सेल्सियस से 1,800 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच सकता है. इसका फ्लैश पॉइंट (जिस तापमान पर यह आग पकड़ता है) लगभग 38 डिग्री सेल्सियस होता है, लेकिन खुले में जलने पर तापमान तेज़ी से बढ़ता है.3 शोध के अनुसार, विमान दुर्घटना में जेट फ्यूल की आग 1,100 डिग्री सेल्सियस तक स्थिर रह सकती है, और कुछ मामलों में इससे भी ज़्यादा. अहमदाबाद हादसे में, चश्मदीदों ने घना काला धुआँ और विशाल लपटें देखीं, जो भारी मात्रा में ईंधन के जलने के कारण हुई होंगी.

इसका तापमान कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे ईंधन की मात्रा, हवा की उपलब्धता और दुर्घटना की तीव्रता. बोइंग 787 जैसे विमान में 1,00,000 लीटर तक ईंधन हो सकता है, जिससे आग और भी भीषण हो जाती है. इस तापमान पर, धातु पिघल सकती है, और विमान की संरचना तेज़ी से नष्ट हो सकती है, जिससे यात्रियों के लिए जोखिम बढ़ जाता है.

विमान दुर्घटना में कैसे बच सकते हैं

विशेषज्ञों के अनुसार, विमान दुर्घटना में आग से बचना बहुत मुश्किल है, लेकिन कुछ उपाय जान बचाने में मदद कर सकते हैं. यात्रियों को उड़ान से पहले सुरक्षा निर्देशों को ध्यान से सुनना चाहिए. इसमें निकटतम आपातकालीन निकास के स्थान को जानना शामिल है. अहमदाबाद हादसे में, यात्रियों के पास बाहर निकलने के लिए बहुत कम समय होता, क्योंकि विमान टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.

विमान दुर्घटना के समय ये बातें कर सकते हैं

दुर्घटना के बाद के पहले कुछ सेकंड बहुत कीमती होते हैं. यात्रियों को तुरंत अपनी सीट बेल्ट खोलनी चाहिए और निकटतम निकास की ओर बढ़ना चाहिए. धुएँ से बचने के लिए झुककर या रेंगकर चलना चाहिए, क्योंकि ज़हरीला धुआँ ऊपर की ओर बढ़ता है.

विमान में आग से निकलने वाला धुआँ बहुत ज़हरीला होता है, जिसमें कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैसें होती हैं. यात्रियों को अपने मुँह और नाक को कपड़े से ढँक लेना चाहिए. अगर कपड़ा गीला हो, तो यह ज़्यादा प्रभावी होता है.

अगर लपटें दिखाई दें, तो विपरीत दिशा में भागना चाहिए. अहमदाबाद में, विमान का एक हिस्सा इमारत पर गिरा, जिससे बचाव और भी जटिल हो गया. फिर भी, आग से दूर रहना महत्वपूर्ण है. विमान के कर्मचारी प्रशिक्षित होते हैं और आपात स्थिति में सही दिशा दिखा सकते हैं. उनके निर्देशों का पालन करना चाहिए. आपातकालीन निकास के पास सीटें चुनने से बचने की संभावना बढ़ सकती है. हालांकि, इन सीटों पर बैठे लोगों को कर्मचारियों की मदद करनी पड़ सकती है.

यह भी पढ़िए: Ladli Behna Yojana: 25वीं किस्त कल आ रही है सीएम मोहन यादव जबलपुर से करेंगे ट्रांसफर खाते में आएंगे 1250

पिछले 5 सालों का सबसे बड़ा हादसा

अहमदाबाद में यह दुर्घटना पिछले पाँच सालों में भारत में पहली बड़ी यात्री विमान दुर्घटना है. विमान का केवल 625 फीट की ऊंचाई तक पहुँचना और फिर तेज़ी से नीचे गिरना दर्शाता है कि समस्या बहुत गंभीर थी. मेडे कॉल के बाद विमान से संपर्क टूट गया था, जिससे पायलटों को स्थिति को संभालने का मौका नहीं मिला होगा.

यह भी पढ़िए: बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता अभियान व हस्ताक्षर मुहिम

अस्वीकरण: यहाँ दी गई जानकारी विमान दुर्घटनाओं के सामान्य कारणों और सुरक्षा उपायों पर आधारित है. अहमदाबाद दुर्घटना की विस्तृत जांच जारी है, और सटीक कारण और निष्कर्ष जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएंगे.

Latest articles

सीट नंबर 11A का चमत्कार अहमदाबाद प्लेन क्रैश में बची जान 27 साल पहले भी यही सीट बनी थी जीवनरक्षक

सीट नंबर 11A का चमत्कार अहमदाबाद प्लेन क्रैश में बची जान 27 साल पहले...

Bhopal Metro Project Update: भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट का बड़ा अपडेट 2028 तक पूरा होने का लक्ष्य 23 लाख लोगों को मिलेगा फायदा

Bhopal Metro Project Update: मध्य प्रदेश में इंदौर मेट्रो के साथ राज्य में मेट्रो सेवा...

More like this