UNSC Emergency Meeting:परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक बुलाने की मांग की. इज़राइल, ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए परिषद ने भी एक आपात बैठक बुलाई, जो भारतीय समयानुसार कल देर रात करीब 12:30 बजे हुई. बैठक में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने ईरान की स्थिति और इज़राइल-अमेरिका के हमले से ईरान को हुए नुकसान के बारे में सदस्य देशों को जानकारी दी. अमेरिका ने ईरान पर हमले की अपनी कार्रवाई को सही ठहराया और दोहराया कि वह ईरान को किसी भी कीमत पर परमाणु हथियार नहीं बनाने देगा.
सदस्य देशों को विवाद सुलझाने की सलाह
रूस और चीन ने हमले की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान के साथ मिलकर इज़राइल और ईरान के बीच युद्धविराम लाने का प्रस्ताव रखा. वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इज़राइल और ईरान में मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने ईरान पर अमेरिकी हमले को पूरी दुनिया के लिए खतरनाक बताते हुए सभी सदस्य देशों को विवाद को कूटनीति के माध्यम से सुलझाने की सलाह दी. वैश्विक नेताओं द्वारा मध्य पूर्व की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करने और व्यापक संघर्ष रोकने का आह्वान करने के बीच, पाकिस्तान, चीन और रूस ने अपने भाषणों में इज़राइल से सीमा पार न करने को कहा. अमेरिका ने इज़राइल का पक्ष लेते हुए कहा कि ईरान को किसी भी परिस्थिति में परमाणु हथियार रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
IAEA प्रमुख ने क्या कहा
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में ईरान की स्थिति के बारे में बताया. ग्रॉसी ने बैठक को बताया कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु अड्डों पर हमला किया है. फोर्डो परमाणु स्थल पर बमबारी की गई, जिससे परमाणु संयंत्र को नुकसान पहुंचा है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि कितना नुकसान हुआ है, लेकिन नुकसान हुआ है. इस्फ़हान परमाणु संयंत्र के प्रवेश बिंदुओं को बाधित करने की कोशिश करते हुए भी हमले किए गए. नतांज परमाणु स्थल पर भी मिसाइलें दागी गई हैं. हालांकि, तीनों परमाणु अड्डों से परमाणु विकिरण का रिसाव नहीं हुआ है, लेकिन नुकसान हुआ है.
रूस-चीन-पाकिस्तान का क्या है
UNSC बैठक में रूस, चीन और पाकिस्तान ने मिलकर इज़राइल और ईरान में युद्धविराम का प्रस्ताव पेश किया. संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने सदस्य देशों को इस प्रस्ताव के बारे में सूचित किया. इसमें ईरान में IAEA-संरक्षित परमाणु अड्डों पर हमले की निंदा की गई. हमले को अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया. इसके साथ ही, इज़राइल और ईरान में तत्काल युद्धविराम की भी मांग की गई. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि प्रस्ताव पर मतदान कब होगा, लेकिन चर्चा है कि अमेरिका इस प्रस्ताव को वीटो कर सकता है.
रूस और चीन ने बैठक में क्या कहा
UNSC बैठक में रूस ने अमेरिका की कड़ी निंदा की और ईरान पर हमले को ‘पैंडोरा बॉक्स’ बताया. रूसी राजदूत वासिली नेबेंजिया ने कहा कि ईरान के परमाणु अड्डों पर हमला करके अमेरिका ने मुसीबतों का एक डिब्बा खोल दिया है. अमेरिका ने 2003 में झूठे बहाने से इराक पर हमला किया था और अब अमेरिका ईरान के साथ भी वही कर रहा है. अमेरिका ने एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का अनादर किया है.
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UNSC बैठक में चीनी राजदूत फू कांग ने भी ईरान पर हमले को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व में स्थिति अच्छी नहीं है. चीन ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमले की निंदा करता है और तत्काल युद्धविराम की मांग करता है. स्थिति का बिगड़ना चिंता का विषय है. ईरान और इज़राइल के बीच युद्ध को बढ़ने से रोका जाना चाहिए.
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि ईरान पहले से ही अशांति का सामना कर रहा है और अमेरिका ने बमबारी करके विवाद को एक खतरनाक मोड़ दे दिया है. कूटनीति को बढ़ते खतरे से बचना होगा, नागरिकों की रक्षा करनी होगी और सुरक्षित समुद्री परिवहन की गारंटी देनी होगी. रूस, चीन और पाकिस्तान द्वारा प्रस्तावित मसौदा पहले सुरक्षा परिषद के सदस्यों के बीच प्रसारित किया जाएगा, फिर अगले सप्ताह की शुरुआत में इस पर मतदान होगा.
अस्वीकरण: यह खबर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में दिए गए बयानों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. स्थिति लगातार बदल रही है, और नवीनतम अपडेट के लिए आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें.