यमुनोत्री हाईवे पर बादल फटा 9 मज़दूर लापता सड़कें बंद बचाव कार्य जारी,उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कल रात यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड पालिगाड़ ओजरी डाबरकोट के बीच बादल फट गया. इस घटना में क़रीब नौ मज़दूरों के लापता होने की ख़बर है जबकि यमुनोत्री हाईवे बंद हो गया. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन और SDRF की टीम मौक़े पर पहुँच गई और लापता लोगों की तलाश शुरू कर दी. लापता मज़दूरों में महिलाओं के भी होने की आशंका है और लापता मज़दूरों की संख्या बढ़ने की भी संभावना है.
लगातार बारिश से बढ़ी मुश्किल, देर रात फटा बादल
ज़िला मुख्यालय में पिछले दो-तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है. वहीं बीती देर रात तहसील बड़कोट के सिलाई बैंड के पास भारी बारिश/बादल फटने की जानकारी मिली. घटना की सूचना मिलते ही SDRF पुलिस और राजस्व विभाग की टीम मौक़े के लिए रवाना हो गई. बताया जा रहा है कि लापता मज़दूर वहीं पर टेंट लगाकर रह रहे थे और सड़क पर काम कर रहे थे. यह घटना रात के अंधेरे में हुई जिससे बचाव कार्य में और भी चुनौतियाँ आ रही हैं.
उत्तरकाशी में आफ़त की बारिश बचाव अभियान और सड़कें प्रभावित
बचाव दल ने मौक़े पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. वहीं यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सिलाई बैंड के पास दो-तीन जगहों पर अवरुद्ध हो गया है जिसकी जानकारी NH बड़कोट को दे दी गई है. इसके साथ ही कुठनाऊर में भारी बारिश और बादल फटने से स्थानीय ग्रामीणों की खेती की ज़मीन को नुक़सान होने की ख़बर है. फ़िलहाल कुठनाऊर में स्थिति सामान्य है और किसी जनहानि या पशुधन हानि की सूचना नहीं है जो एक राहत की बात है.
यमुनोत्री हाईवे पर तबाही का मंज़र ओजरी और डाबरकोट में सड़कें ध्वस्त
भारी बारिश के कारण ओजरी के पास सड़क पूरी तरह से बह गई है और खेतों में मलबा भर गया है. डाबरकोट में भी मलबे के कारण सड़क बंद है. स्यानाचट्टी में कुपड़ा कुंशाला त्रिख़िली मोटर पुल ख़तरे में आ गया है और स्यानाचट्टी में भी ख़तरनाक स्थिति बनी हुई है. बता दें कि उत्तराखंड में लगातार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं भारी बारिश के कारण नदियाँ और नाले उफ़ान पर हैं और मलबा व बोल्डर गिरने से कई संपर्क मार्ग लगातार बाधित हो रहे हैं. प्रशासन लोगों से सावधानी बरतने और आवश्यक होने पर ही यात्रा करने की अपील कर रहा है.
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नदियों का उफ़ान और बढ़ता ख़तरा
लगातार हो रही बारिश ने उत्तराखंड में नदियों और धाराओं को तेज़ कर दिया है, जिससे कई इलाक़ों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. पर्वतीय इलाक़ों में भूस्खलन का ख़तरा भी बढ़ गया है, जिससे सड़कें बार-बार बंद हो रही हैं. सरकार और स्थानीय प्रशासन लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
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डिस्क्लेमर: यह जानकारी शुरुआती रिपोर्टों और बचाव अधिकारियों से मिली सूचना पर आधारित है. स्थिति लगातार बदल सकती है और लापता लोगों की संख्या में परिवर्तन संभव है. नवीनतम अपडेट के लिए स्थानीय अधिकारियों और विश्वसनीय समाचार स्रोतों पर ध्यान दें.