हर भारतीय पर ₹4.8 लाख का कर्ज 2 साल में 23% बढ़ा, RBI रिपोर्ट में खुलासा,भारत में हर भारतीय पर ₹4.8 लाख का कर्ज है. यह चौंकाने वाली बात है कि पिछले 2 सालों में यह कर्ज 23% बढ़ गया है. आम आदमी के लिए यह एक बड़ा झटका बनकर सामने आया है. यह खुलासा जून 2025 की RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में हुआ है.
हर भारतीय पर कितना कर्ज है?
हर भारतीय पर ₹4.8 लाख का कर्ज है. मार्च 2023 में यह कर्ज ₹3.9 लाख था. आप देख सकते हैं कि यह कितना बढ़ गया है. और इसकी वजह क्या है? पिछले दो सालों में इसमें 23% की बढ़ोतरी हुई है. यानी, पिछले साल से इस साल तक हर भारतीय पर ₹90 हज़ार का कर्ज बढ़ा है.
RBI रिपोर्ट ने क्या बताया?
लोगों पहले से ज़्यादा कर्ज ले रहे हैं. लोग अब होम लोन, पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड और दूसरे रिटेल लोन ज़्यादा ले रहे हैं. RBI रिपोर्ट के मुताबिक, यह कोई खतरे की बात नहीं है, क्योंकि जो भी कर्ज ले रहा है, ऐसा नहीं है कि वह उसे चुका नहीं रहा है. अब तक जो मामले सामने आए हैं, वे संतुलित हैं. लोगों को ज़्यादा भरोसा है, वे कर्ज ले पा रहे हैं और उसे चुका भी रहे हैं.
भारत की अर्थव्यवस्था और बढ़ता कर्ज
इसी दौरान, भारत की अर्थव्यवस्था पिछले 10 सालों में 105% बढ़ी है. भारत की अर्थव्यवस्था बहुत तेज़ी से बढ़ रही है. यह दूसरे देशों की तुलना में कहीं ज़्यादा है.
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भारत पर विदेशी कर्ज
मार्च 2025 तक भारत पर 736.3 बिलियन डॉलर का बाहरी कर्ज है. भारत ने यह कर्ज अपनी अलग-अलग नीतियों और अन्य चीज़ों के लिए लिया है. सीधे शब्दों में कहें तो देश दूसरे देशों से कर्ज लेता है. इस पैसे को अपने देश के विकास में लगाता है. भारत पर यह कर्ज GDP (सकल घरेलू उत्पाद) का 19.1% है. आप जानते हैं कि विपक्ष हर बार सरकार को घेरता है कि हमारी अर्थव्यवस्था का क्या हो रहा है. यह आंकड़ों में भी दिख रहा है. साथ ही, पहले से ज़्यादा कर्ज लिया जा रहा है. कर्ज लेना भी पहले से आसान हो गया है. इसकी वजह से कर्ज का बोझ भी बढ़ रहा है.
डिस्क्लेमर: यह जानकारी RBI की जून 2025 की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़ों पर आधारित है. आंकड़ों में समय के साथ बदलाव संभव है. यह किसी भी तरह की वित्तीय सलाह नहीं है.