MADHYA PRADESH ORGAN DONORS: देश में अंगदान को लेकर अभी भी जागरूकता की कमी है. हालांकि, कई बुद्धिजीवी लोग अपने शरीर का दान कर रहे हैं, जिससे उनकी मृत्यु के बाद भी दूसरे लोगों को एक नया जीवन मिल रहा है. लेकिन ऐसे लोगों का प्रतिशत बहुत कम है. इसलिए, अब मध्य प्रदेश सरकार अंगदान करने वाले व्यक्ति के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित करेगी. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस बारे में पहले ही घोषणा कर दी थी, अब सरकार ने इसका औपचारिक आदेश भी जारी कर दिया है.
मध्य प्रदेश सरकार का आदेश जारी
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अंगदान को लेकर जारी किए गए आदेश के तहत, पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित करने के अलावा, दाताओं के परिवारजनों को भी सम्मानित किया जाएगा. स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले ज़िला स्तरीय कार्यक्रमों में दाताओं के परिवारजनों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा. यह उन परिवारों के लिए एक बड़ा सम्मान होगा, जिन्होंने अपने प्रियजन के अंगदान का नेक फैसला लिया.
हृदय, लीवर और किडनी दान करने वालों का भी सम्मान
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में यह साफ किया गया है कि जो नागरिक अपने अंग दान करते हैं, या हृदय, लीवर या किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों का दान करते हैं, उनके परिवारजनों को 26 जनवरी और 15 अगस्त के ज़िला स्तरीय कार्यक्रमों में सम्मानित किया जाएगा. वहीं, जो नागरिक अपने पूरे शरीर का दान करते हैं, उनके पार्थिव शरीर को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया जाएगा. यह पहल अंगदान को बढ़ावा देने और समाज में इसके प्रति सम्मान बढ़ाने में मददगार साबित होगी.
मृत्यु के 48 घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचाना ज़रूरी
कोई भी व्यक्ति मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग में जाकर अपना पंजीकरण करवा सकता है. पंजीकरण के दौरान आपको उस विभाग का उल्लेख करना होगा जिसके लिए आप अपना शरीर दान करना चाहते हैं. मृत्यु के बाद, उनके परिवारजन अस्पताल को सूचित करते हैं. नियमों के अनुसार, पार्थिव शरीर को मृत्यु के अधिकतम 48 घंटे के भीतर अस्पताल में जमा कराना होता है. यह समय सीमा अंगों की व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है.
सीएम ने किया ट्वीट ‘यह सिर्फ दान नहीं, अमरता है’
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फरवरी 2025 में ही अंगदान करने वालों को गार्ड ऑफ ऑनर देने की घोषणा की थी, लेकिन अब आदेश जारी होने के बाद सीएम ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट से ट्वीट किया है, जिसमें लिखा है कि “मृत्यु के बाद जीवन का उपहार देना… यह सिर्फ दान नहीं, यह अमरता है.” मुख्यमंत्री के इस बयान से अंगदान के महत्व और इसके पीछे की भावना पर प्रकाश पड़ता है, जो समाज को इस नेक काम के लिए प्रेरित करेगी.
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डिस्क्लेमर: यह जानकारी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी आधिकारिक आदेशों पर आधारित है. अंगदान से संबंधित विस्तृत नियमों और प्रक्रियाओं के लिए कृपया संबंधित मेडिकल कॉलेज या सरकारी विभागों से संपर्क करें.