MP Engineers Exam: मध्य प्रदेश में अब लोक निर्माण विभाग (PWD) अपने सभी इंजीनियरों की परीक्षा लेने जा रहा है. शहर के आशबाग इलाके में बने 90 डिग्री मोड़ वाले पुल के बाद लोक निर्माण विभाग की खूब किरकिरी हुई थी. तभी से लोक निर्माण विभाग एक्शन में दिख रहा है. इस बार PWD विभाग के सभी कार्यपालन यंत्री (Executive Engineers) और उनसे नीचे के सभी इंजीनियरों की परीक्षा कराने की तैयारी चल रही है. इसके लिए विभाग ने सभी इंजीनियरों को 15 अगस्त तक का ही समय दिया है.
इन परीक्षाओं के ज़रिए लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की तकनीकी ज्ञान क्षमताओं की परख की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह के मामले सामने न आएं. इसके अलावा, PWD विभाग के प्रमुख सचिव बनाए गए सुखबीर सिंह ने विभाग के सभी अधिकारियों को सभी निर्माण कार्यों में गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, उन्होंने विभाग द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्यों की निगरानी करने वाले सभी इंजीनियरों की परीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में उन्होंने MP RDC और मध्य प्रदेश भवन विकास निगम को दिशा-निर्देश दिए हैं.
किस आधार पर होगी परीक्षा
मिली जानकारी के अनुसार, प्रमुख सचिव ने कहा है कि PWD विभाग में कार्यरत कार्यपालन यंत्री से लेकर निचले स्तर तक के सभी इंजीनियर 15 अगस्त तक इसका उपयोग निर्माण कार्यों में करें. इसके बाद मूल्यांकन प्रक्रिया की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह परीक्षा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में आयोजित की जा सकती है. उन्होंने कहा कि परीक्षा के लिए इंजीनियरों को इंडियन रोड कांग्रेस, नेशनल बिल्डिंग कोड और अन्य संबंधित मानकों का अध्ययन करना ज़रूरी है. सभी प्रकार के निर्माण कार्य इन्हीं कोड्स के आधार पर होते हैं.
निर्माण कार्यों के लिए ज़रूरी कोड्स
उन्होंने बताया कि सभी इंजीनियरों के पास निर्माण कार्यों में कुछ महत्वपूर्ण कोड्स भी होते हैं, उनकी सूची जल्द ही PWD विभाग के पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए विभाग के मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता को भी अपने क्षेत्र से संबंधित सभी महत्वपूर्ण कोड्स का अध्ययन ज़रूर करना चाहिए, ताकि निर्माण की गुणवत्ता में कोई कमी न रहे. राज्य के अंदर हज़ारों करोड़ के निर्माण कार्य चल रहे हैं. उनके निर्माण की गुणवत्ता की पूरी ज़िम्मेदारी इंजीनियरों की होती है.
कई बार सामने आई है लापरवाही
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि राज्य में PWD विभाग के इंजीनियरों की लापरवाही कई बार सामने आ चुकी है. हाल ही का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भोपाल के 90 डिग्री रोड ओवरब्रिज को देखें. इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर 8 अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है. इससे पहले, राजधानी के GG फ्लायओवर की सड़क भी लोकार्पण के एक हफ्ते के अंदर ही खिसकने लगी थी. इस मामले में भी इंजीनियरों को निलंबित किया गया था