भेल, भोपाल।
संसार में मनुष्य से श्रेष्ठ कोई प्राणी नहीं है: डा.रोहताश्व शर्मा,बाबूलाल गौर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भेल भोपाल में गुरु पूर्णिमा अवसर पर”मनुष्य जीवन मे गुरू महिमा”विषय पर प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस शासकीय चंद्रशेखर आजाद पीजी महाविद्यालय सीहोर के प्राचार्य डॉ रोहताश्व शर्मा ने मुख्य वक्ता के रुप में कहा कि मनुष्य का सबसे पहला गुरू मां होती है,वह जीवन भर हमें देती रहती हैं,इनके समर्पण भाव को अंगीकार करना चाहिए.
संसार मे मनुष्य से श्रेष्ठ कोई प्राणी नहीं है। जैसा हम सोचते हैं वैसे ही बन जातेहैं इसलिए सदैव हमे गुरू की आवश्यकता रहती है। महर्षि व्यास का जन्मदिन गुरुपूर्णिमा के रुप में मनाया जाता हैं,उनके पुराण में भारतीय चरित्र को आत्मसात किया है जो भारत मे होता है वो महाभारत में है.सही समय पर सही निर्णय लेने मे भी गुरू मार्गदर्शन की आवश्यकता होती हो .गुरू का सानिध्य पारसमणि के रूप में होता है .
अपने गुरू से हमेशा अपना शिष्य धर्म निभाना चाहिए ,वहीं से हमारे कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है.आपने दधीचि, तुलसीदास, अहिल्यबाई, सिकंदर, टालस्टाय, सुकरात,तात्याटोपे ,विवेकानंद,भगतसिंह ,लतामंगेशकर जैसे व्यक्तित्वों के माध्यम से गुरू महिमा पर प्रकाश डाला.
समारोह के प्रारंभ में प्राचार्य डा संजय जैन ने शाल ,श्रीफल और पुष्पगुच्छ से मुख्यवक्ता एवं अतिथि डा. रोहताश्व शर्मा का स्वागत करते हुए अपने उदबोधन में कहा कि गुरू हमेशा सभी के लिये समभाव से ज्ञान देता है लेकिन सच्चे शिष्य को सफलता शीघ्र मिलती है.
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रमाकांत तिवारी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा भगवान राम भी विपरीत परिस्थियों मे अपने गुरू विश्वामित्र का स्मरण कर निर्णय लेते थे और सफलता पाते थे सीता स्वयंवर इसका साक्षात उदाहरण है. इस अवसर पर उपस्थित समस्त गुरूजनो का सम्मान किया गया.
कार्यक्रम संचालन भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ संयोजक डा समता जैन ने तथा आभार श्रेया विश्वकर्मा ने व्यक्त किया। कार्यक्रम डा. शीला कुमार के संयोजन में आयोजित हुआ .कार्यक्रम में पूर्वछात्र तेज सिंह ठाकुर, करतार सिंह नागर, मंजू यादव सहित रितिका ठाकुर ,खुशी नागर,तनिष्का तथा छात्र छात्राएं और समस्त शैक्षणिक एवं गैरशैक्षणिक स्टाफ उपस्थित रहा।