नई दिल्ली l
बुलडोजर एक्शन का मतलब कानून तोड़ना नहीं: सीजेआई,मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस बी.आर. गवई ने कहा है कि भारतीय न्याय व्यवस्था ‘रूल ऑफ लॉ’ यानी कानून के शासन पर आधारित है, इसमें ‘बुलडोजर एक्शन’ की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी आरोपी के खिलाफ बिना कानूनी प्रक्रिया के बुलडोजर चलाना कानून तोड़ने के समान है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
सीजेआई गवई मॉरीशस में आयोजित मेमोरियल लेक्चर 2025 में बोल रहे थे। संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर व्यक्ति को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है, और बुलडोजर एक्शन इस अधिकार का उल्लंघन है।
सीजेआई ने कहा कि ‘रूल ऑफ लॉ’ केवल नियमों का सेट नहीं, बल्कि एक नैतिक और सामाजिक ढांचा है जो समानता, गरिमा और सुशासन सुनिश्चित करता है। उन्होंने महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि लोकतंत्र में कानून का राज ही समाज को न्याय और जवाबदेही की दिशा में आगे बढ़ाता है।
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उन्होंने यह भी बताया कि 24 सितंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले से उन्हें बहुत संतोष मिला, जिसमें बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया गया था। हालांकि फैसले का श्रेय उन्हें दिया गया, लेकिन उन्होंने कहा कि इस निर्णय के पीछे जस्टिस विश्वनाथन का भी महत्वपूर्ण योगदान था, जिसका श्रेय उन्हें भी मिलना चाहिए।
जस्टिस गवई के इस बयान ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि न्यायपालिका कानून के शासन और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।