Guru Vakri 2025 Rashifal: ज्योतिषाचार्य हर्षवर्धन शांडिल्य के अनुसार, उच्च के गुरु का कर्क राशि में वक्री होना 12 राशियों के जीवन में मिश्रित प्रभाव डालेगा. यह समय आगे बढ़ने के बजाय पीछे मुड़कर देखने और आत्म-मंथन (Introspection) करने का होगा. आइए जानते हैं, विभिन्न राशियों पर इस ज्योतिषीय घटना का क्या असर होगा.
1. मेष और वृषभ राशि: धन और रिश्तों में सावधानी
मेष राशि (Aries)
मेष राशि वालों के काम की गति में हल्की धीमापन आ सकता है. पुराने संपर्क फिर से जुड़ सकते हैं. विदेश मामलों से जुड़े कार्यों में विलंब संभव है. जीवन दर्शन को लेकर सोच में बदलाव आएगा. पिता या गुरु जैसे व्यक्ति से फिर से संवाद स्थापित होगा.
वृषभ राशि (Taurus)
वृषभ राशि वालों को धन, कर (Taxes) या निवेश से जुड़े मामलों में सतर्कता बरतनी चाहिए. पुराने कर्ज या वित्तीय विवाद फिर से सतह पर आ सकते हैं. मन थोड़ा अस्थिर रह सकता है. आध्यात्मिक झुकाव बढ़ेगा. गुप्त ज्ञान की ओर रुझान हो सकता है.
2. मिथुन और कर्क राशि: साझेदारी और आत्म-मंथन
मिथुन राशि (Gemini)
मिथुन राशि के जातकों को साझेदारी और विवाह से संबंधित मामलों में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. पुराने रिश्तों का फिर से प्रज्वलित होना संभव है. वैवाहिक जीवन में धैर्य रखें. कानूनी मामलों में लंबितता आ सकती है. निर्णय सोच-समझकर लें.
कर्क राशि (Cancer)
यह गोचर कर्क राशि में ही हो रहा है, इसलिए इस राशि के जातकों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा. यह समय आत्म-निरीक्षण और आत्म-परीक्षा का है. फैसलों को लेकर भ्रम महसूस हो सकता है. स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें. आपकी सोच परिपक्व होगी.
3. सिंह और कन्या राशि: ऊर्जा और प्रेम संबंधों में उतार-चढ़ाव
सिंह राशि (Leo)
सिंह राशि वालों के लिए पुरानी समस्याएँ फिर से सामने आ सकती हैं. शारीरिक ऊर्जा में थोड़ी कमी महसूस हो सकती है. ध्यान, योग या रचनात्मक गतिविधियाँ लाभकारी रहेंगी. काम की गति धीमी हो सकती है. नींद और मूड प्रभावित हो सकता है.
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कन्या राशि (Virgo)
कन्या राशि के जातकों के प्रेम संबंधों में फिर से रोमांस या भ्रम पैदा हो सकता है. संतान से संबंधित चिंताएँ हो सकती हैं. रचनात्मक सोच बढ़ेगी, लेकिन उसे लागू करने में विलंब हो सकता है. शिक्षा से जुड़े फैसलों को टालना बेहतर होगा.
4. तुला और वृश्चिक राशि: घरेलू मामले और संवाद
तुला राशि (Libra)
तुला राशि वालों के पारिवारिक कार्यों में धीमापन आ सकता है. पुराने घरेलू मुद्दों पर फिर से चर्चा हो सकती है. मानसिक स्थिरता बनी रहेगी. संपत्ति से जुड़े मामलों में सोच-समझकर निर्णय लें. माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है.
वृश्चिक राशि (Scorpio)
वृश्चिक राशि के जातकों की सोच में गहराई आएगी. छोटे भाई-बहनों से संवाद में दूरी या भ्रम हो सकता है. लेखन, अध्ययन या यात्रा में देरी संभव है. आत्म-अनुशासन आवश्यक होगा. किसी पुराने दस्तावेज़ का महत्व बढ़ जाएगा.
5. धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि: धन, स्वास्थ्य और एकांत
धनु राशि (Sagittarius)
धनु राशि के स्वामी गुरु हैं, इसलिए प्रभाव महत्वपूर्ण होगा. वित्तीय मामलों की समीक्षा ज़रूरी है. आत्मविश्वास में उतार-चढ़ाव हो सकता है. पुरानी योजनाएँ फिर से दिमाग में आएंगी. जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें.
मकर राशि (Capricorn)
मकर राशि वालों के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव आ सकता है. अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी. नए काम शुरू करने से पहले पुनर्विचार करें. संकोच और भ्रम से बचें. आत्म-निरीक्षण लाभकारी रहेगा.
कुंभ राशि (Aquarius)
कुंभ राशि वालों के लिए छिपी हुई बातें सामने आ सकती हैं. मानसिक भ्रम थोड़ा बढ़ सकता है. मन एकांत या ध्यान की ओर आकर्षित होगा. पुरानी बीमारियाँ या आदतें फिर से सतह पर आ सकती हैं. सपनों में संकेत मिल सकते हैं.
मीन राशि (Pisces)
मीन राशि के भी स्वामी गुरु हैं, इसलिए यह समय इस राशि वालों को विचारशील रहने का है. दोस्ती और सामाजिक संबंध दूर हो सकते हैं. पुराने लक्ष्य को फिर से हासिल करने की प्रेरणा मिलेगी. लाभ धीरे-धीरे मिलेगा.
गुरु के वक्री होने के दौरान आप किन क्षेत्रों में सबसे अधिक सावधानी बरतेंगे?