राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर हर दिन खतरनाक रूप से बढ़ रहा है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इस गंभीर स्थिति पर अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी संज्ञान लिया है और स्थिति को “बहुत गंभीर” बताया है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट में मौजूद वरिष्ठ वकीलों को महत्वपूर्ण सलाह दी है.
कोर्ट ने वकीलों से कहा है कि वे व्यक्तिगत रूप से कोर्ट आने के बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) के ज़रिए सुनवाई में शामिल हों.
1. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को बताया ‘बहुत गंभीर’

न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने कोर्ट रूम में मौजूद वरिष्ठ वकीलों को संबोधित करते हुए दिल्ली के प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की.
- न्यायाधीश की टिप्पणी: न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने कहा, “प्रदूषण की स्थिति बहुत गंभीर है. आप सब अभी कोर्ट क्यों आ रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए भी सुनवाई की सुविधा देता है, आपको इसका उपयोग करना चाहिए.”
- स्थायी नुकसान की चेतावनी: उन्होंने चेतावनी दी कि प्रदूषण से होने वाला नुकसान स्थायी (Permanent) हो सकता है.
2. मास्क भी नाकाफी: SC की चिंता
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में बताया कि वकील मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिस पर न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने अपनी चिंता दोहराई.
- मास्क की उपयोगिता: न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने कहा कि ऐसी स्थिति में केवल मास्क भी पर्याप्त नहीं हैं, वे ज़्यादा उपयोगी नहीं हो सकते.
- चर्चा का प्रस्ताव: उन्होंने कहा कि इस गंभीर स्थिति में क्या किया जा सकता है, इस बारे में मुख्य न्यायाधीश के साथ भी चर्चा की जाएगी.
3. दिल्ली में ‘गंभीर’ श्रेणी में प्रदूषण
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, राजधानी में वायु गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी में बनी हुई है.
- AQI स्तर: सुबह जारी वायु गुणवत्ता बुलेटिन में AQI 404 दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है.
- सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र: दिल्ली के 37 निगरानी स्टेशनों में से 27 में AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा. बवाना (460), चांदनी चौक (455), वज़ीरपुर (452) और आरके पुरम (441) जैसे इलाके सबसे ज़्यादा प्रदूषित रहे.
4. प्रदूषण से होने वाले स्वास्थ्य ख़तरे
‘गंभीर’ श्रेणी का AQI स्वस्थ लोगों के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है, जबकि श्वसन या हृदय संबंधी समस्याओं वाले लोगों पर इसका बुरा असर पड़ सकता है.
- बीमारियाँ: यह वायु प्रदूषण सांस लेने में कठिनाई, खांसी और आँखों में जलन जैसी समस्याओं को बढ़ाता है.
5. पराली जलाने पर भी SC की निगरानी
सुप्रीम कोर्ट में वायु प्रदूषण का मामला पहले से ही एक अन्य पीठ के समक्ष लंबित है.
- निर्देश: बुधवार को मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने पंजाब और हरियाणा से पराली जलाने (Stubble Burning) को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में पूछा था.

