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67वां आकाशवाणी संगीत सम्मेलन सम्पन्न, संगीत की सुरमयी शाम ने श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध

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भोपाल। आकाशवाणी द्वारा आयोजित 67वां आकाशवाणी संगीत सम्मेलन दिनांक 15 नवम्बर को समन्वय भवन, भोपाल में भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर शास्त्रीय संगीत की दो प्रतिष्ठित विभूतियों — पंडित (डॉ.) संतोष नाहर एवं डॉ. दीपाली वात्तल — ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।

67 वें आकाशवाणी संगीत सम्मेलन का शुभारंभ भागलपुर मिश्रा घराने के पंडित (डॉ.) संतोष नाहर के सधे हुए वायलिन वादन से हुआ। डॉ नाहर ने राग बिहाग अलाप जोड़ के बाद मध्य लय गत रूपक ताल और द्रुत गत तीन ताल में प्रस्तुति दी । पंडित नाहर ने क्रमानुसार राग की बढ़त मधुरता के साथ, राग स्वर विस्तार ,आलंकारिक ताने, ग़मक की प्रस्तुति के साथ साथ द्रुत गत झाले में तबला के साथ सवाल जवाब की जुगलबंदी की जिसको श्रोताओं ने काफी सराहा । आपके वादन में तंत्र अंग के साथ गायकी अंग वादन सुनने को मिला। डॉ नाहर ने अपने वादन का समापन मिश्र पीलु धुन से किया। तबले पर संगत उस्ताद सलीम अल्लाहवाले ने की।

Trulli

इसके उपरांत सुप्रसिद्ध गायिका डॉ. दीपाली वात्तल ने अपनी मधुर एवं भावपूर्ण आवाज़ में श्रोताओं को कश्मीर की लोकसंगीत परंपरा से जोड़ा। डॉ वात्तल ने शायर मोमिन खॉं मोमिन की ग़ज़ल – “वो जो हममें तुममें क़रार थाए तुम्हें याद हो कि न याद हो” से अपनी प्रस्तुति का आगाज़ किया। इसके बाद अपनी पुरकशिश आवाज़ में डॉ दीपाली ने फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का कलाम-“ दोनों जहाँ तेरी मोहब्बत में हार के पेश किया जिसके सुर दर्शकों की रूह में उतर गए। “है मोहब्बत तो निभाई जाए…” — शायर दाग़ देहलवी और “आप हमारे साथ नहीं, चलिए कोई बात नहीं” — शायर ताहिर फ़राज़ ने भी श्रोताओं को भाव विभोर का दिया।“सब है गवारा हम को मगर, तौहीन.ए.जज़्बात नहीं “ शेर को को दर्शकों ने बहुत पसंद किया .ग़ज़लों के पश्चात डॉ दीपाली ने कश्मीरी लोकगीत प्रस्तुत किए ।

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मुख्य अतिथि कृष्णा गौर, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण, मध्यप्रदेश ने कहा:
“आकाशवाणी संगीत सम्मेलन भारतीय सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाए रखने का एक सशक्त माध्यम है। ऐसे आयोजनों से हमारी युवा पीढ़ी को शास्त्रीय संगीत की गहराई से जुड़ने का अवसर मिलता है। मैं आयोजकों को इस सफल आयोजन के लिए बधाई देती हूँ।”

यशवंत चिवंडे, स्टेशन प्रमुख, आकाशवाणी भोपाल ने कहा कि हमारा प्रयास है कि श्रोताओं को उच्चस्तरीय संगीत अनुभव प्रदान किया जाए और कलाकारों को एक गरिमामय मंच मिले

श्री राजेश भट, कार्यक्रम प्रमुख ने कहा कि आकाशवाणी संगीत सम्मेलन हमारी परंपरा का हिस्सा है, और हम इसे हर वर्ष और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

इस अवसर पर दूरदर्शन प्रमुख आशीष पोतनिस, एस.के. श्रीवास्तव, अज़ीम हाशमी,अब्राहम थॉमस, शुभम, विक्रम सहित आकाशवाणी के अनेक वरिष्ठ अधिकारी एवं संगीतप्रेमी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का समापन करतल ध्वनि और श्रोताओं की सराहना के साथ हुआ।

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