भोपाल।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय नई दिल्ली में सिंगरौली खनन परियोजना को लेकर कांग्रेस ने केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला है। पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि सिंगरौली में आदिवासियों, पर्यावरण और स्थानीय आबादी के अधिकारों को नजरअंदाज कर अडाणी समूह को बड़े पैमाने पर खनन की छूट दी गईं है। कांग्रेस नेताओं ने इसे संस्थागत लूट करार देते हुए कहा कि पहले छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य को उजाड़ा गया और अब मध्यप्रदेश के जंगलों की बारी है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी व नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह आरोप लगाया है।
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पटवारी ने कहा कि पीएम मोदी दिल्ली में पेड़ लगाते हैं। कहते हैं कि एक पेड़ मां के नाम और हजारों पेड़ काटने के लिए अडाणी के नाम कर देते हैं। देश की सबसे बड़ी आबादी और जंगल का भू-भाग मध्यप्रदेश में है। यहां डेढ़ करोड़ से अधिक आदिवासी भाई बहन है। मप्र में कानून है कि किसी आदिवासी की जमीन कोई गैर आदिवासी नहीं खरीद सकता है, लेकिन मप्र में 1 लाख 46 हजार हेक्टेयर जमीन खनन के लिए अलग-अलग खनिज माफियाओं को दे दी गई। पटवारी ने कहा कि मप्र में सरकार ने पिछले 4 साल में आदिवासियों की 1 लाख 30 हजार हेक्टेयर जमीन बेच दी है। हालात यह हैं कि बीजेपी सरकार ने सारे नियमों को ताक पर रखकर मप्र में 5 हजार से अधिक खदाने दान कर दी।
