केसी दुबे, भोपाल
भेल कारखाने में अवकाश का दिन हो या फिर कार्य दिवस कब बड़े साहब किस ब्लॉक में धमक पड़ें यह किसी को नहीं मालूम। दरअसल जब भेल भोपाल यूनिट का काम नए मुखिया ने संभाला है ऐसे कई कर्मचारी एवं ठेका श्रमिक उन्हें पहचान नहीं पाते।
अब सब कहने लगे हैं कि इस यूनिट में फिर से सिंघम का आगमन हो गया है। दिखने में सीधे साधे, लेकिन काम में तेड़े यह बात किसी ओर की नहीं बल्कि इस यूनिट के नए मुखिया के बारे में चर्चा में आई है। दरअसल बड़े साहब रविवार अवकाश के दिन सुबह—सुबह ही भेल कारखाने में अपनी चार पहिया वाहन के साथ टी—शर्ट पेंट पहने हुए आ धमके।
कुछ लोग तो पहचान ही नहीं पाए कि यह इस यूनिट के मुखिया हैं और जो पहचान गए वह तुरंत ही साहब को नमस्कार करने जा पहुंचे। साहब का एक ही सवाल था कि आपके ब्लॉक में कामकाज कैसा चल रहा है। साफ जाहिर है कि नए साहब को दिल्ली कॉरपोरेट द्वारा दिए गए टारगेट की चिंता कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रही है।
हालांकि यह टारगेट उनसे दूर नहीं है। फिर भी वह दिन रात मेहनत कर सुबह से रात 12 बजे तक कारखाने के हर ब्लॉक में चक्कर काटकर कामकाज की समीक्षा करने में लगे हैं। इस बात को कर्मचारियों को इस तरह सराहा कि बडे साहब को भेल कर्मियों के एक जनवरी 2027 में होने वाले वेज रिवीजन कि चिंता सताने लगी है। जब टारगेट और प्रॉफिट कमाएंगे तब ही तो सभी को बेहतर वेज रिवीजन का लाभ मिल पाएगा। चर्चा यह भी होने लगी है कि काम को लेकर न वे किसी नेता को बख्शेंगे न ही अभिनेता को।
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