भोपाल
भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड भेल की दिल्ली कॉरपोरेट ने अपर महाप्रबंधक से महाप्रबंधक पद के प्रमोशन में कुछ तो सौतेला व्यवहार किया है । पिछले साल इस यूनिट को पांच महाप्रबंधक दिये थे लेकिन इस बार उत्पादन के पीक पीरियेड में सिर्फ चार को महाप्रबंधक बना दिया जबकि इनमें से भी दो को यूनिट से बाहर भेज दिया । इधर हरिद्वार यूनिट को पांच महाप्रबंधक देकर नवाजा गया है और कॉरपोरेट को चार । यह जरूर है कि हर यूनिट का पिछले साल का टर्न ओवर देखते हुये प्रमोशन होना दिखाई दे रहा है । त्रिची जैसे बड़ी यूनिट को तो सिर्फ दो ही महाप्रबंधक मिले हैं। चर्चा यह है कि अगले साल इस यूनिट से महाप्रबंधक फेब्रीकेशन और महाप्रबंधक थर्मल भी रिटायर होने वाले हैं ।
मजेदार बात यह है कि इस यूनिट में शॉप से जुड़े महाप्रबंधकों की कमी बनी हुई है उस पर पहाड़ जैसा टर्न ओवर सामने खड़ा है फिर भी यहां के मुखिया को दाद देनी होगी की उन्होंने कम समय में ही बेहतर परफारमेंस दिया । जब उन्होंने इस यूनिट का कार्यभार संभाला था तब महज 960 करोड़ का टर्न ओवर मिला था और अब तीन माह के अंदर ही यह टर्न ओवर करीब 1800 करोड़ पहुंचने वाला है । साफ जाहिर है कि 31 मार्च 2023 तक यह यूनिट 2700 से 3000 करोड़ तक पहुुंचने की कोशिश करेगी ।
ऐसे में महाप्रबंधक वो भी कुछ काबिल जिनका प्रमोशन नहीं हुआ है वह काफी दुखी दिखाई दे रहे हैं उस पर दो को महाप्रबंधक बनाकर यूनिट से बाहर भेजना और बाहर की यूनिट से इस यूनिट में उत्पादन के पीक पीरियेड में न भेजना किसी के गले नहीं उतर रही है । शॉप में सिर्फ तीन या चार महाप्रबंधक पूरी मुस्तैदी से काम करते हुये देखे जा रहे हैं । वहीं कुछ को दो-दो विभागों का काम सौंप रखा है । ऐसे में इसका असर उत्पादन पर कितना पड़ता है या नहीं यह तो बाद में ही पता चलेगा इधर मुखिया को भोपाल के साथ झांसी यूनिट का काम भी सांैपने से उनका एक कदम भोपाल में और एक कदम झंासी में दिखाई दे रहा है ।