भेल भोपाल।
टाउनशिप उद्यानिकी, सिविल एवं बिजली विभाग द्वारा जंबूरी मैदान, पिपलानी में तृतीय चरण मे 1000 पौधे
पर्यावरण संरक्षण और खुशहाल भविष्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मियावाकी पद्धति से लगाए गए। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर बीएचईएल भोपाल के महाप्रबंधक एवं प्रमुख प्रदीप कुमार उपाध्याय की उपस्तिथि में समस्त महाप्रबंधकों एवं डीआरओ, टीएसी मेम्बर्स, टाउनशिप उद्यानिकी, सिविल एवं बिजली विभाग द्वारा जंबूरी मैदान पिपलानी में पौधे लगाए गए।
इस क्षेत्र को अर्बन फारेस्ट्री (ऑक्सीजन बैंक—सघन प्राणवायु क्षेत्र) के रूप में विकसित किया जा रहा है। मियावाकी पद्धति के प्रथम एवं द्वितीय चरण में लगभग 20625 पौधे पिछले दो वर्षों मे लगाए जा चुके हैं जो कि वर्तमान समय में तीव्र गति से विकसित हो रहे हैं। इस पौधरोपण का कार्य बीएचईएल भोपाल द्वारा स्टेट बैंक के सहयोग से एवं डॉक्टर पंकज भारती के निर्देशन एवं तकनीकी मार्गदर्शन में किया जा रहा है।
मियावाकी तकनीक एक वैज्ञानिक वृक्षारोपण पद्धति है, जिसे जापान के वनस्पति वैज्ञानिक प्रोफेसर अकीरा मियावाकी ने विकसित किया। इस पद्धति के अंतर्गत देशी प्रजातियों के पौधों को एक-दूसरे के करीब लगाकर घना वन तैयार किया जाता है, जिससे पौधे तेज़ी से बढ़ते हैं और प्राकृतिक जंगल की तरह जैव विविधता विकसित होती है। यह तकनीक विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में हरित क्षेत्र बढ़ाने, प्रदूषण कम करने और जलवायु संतुलन बनाने में सहायक सिद्ध हो रही है।
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इस वित्तीय वर्ष (2025-26) मे बीएचईएल द्वारा तकरीबन 60,000 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें से 40,000 पौधे मियावकी पद्धति से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के सहयोग से लगाए जाएंगे। बीएचईएल, भोपाल द्वारा पौधरोपण का एक रोड मैप तैयार किया गया है जिसके अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 23,600 पौधे (20,000 पौधे मियावाकि पद्धति से) एवं वित्तीय वर्ष 2024-25 में 59,007 पौधे (625 पौधे मियावाकि पद्धति से) लगाए जा चुके हैं।
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