भेल भोपाल ।
बरखेड़ा रामलीला मैदान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में अंतरराष्ट्रीय कथाकार एवं समाज सुधारक आचार्य मनोज अवस्थी ने श्रद्धालुओं को जीवन और धर्म के महत्वपूर्ण संदेश दिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को मौन रहना चाहिए, क्योंकि मौन से जीवन में कलह नहीं होती। आचार्य जी ने बताया कि वर्तमान युग में मनुष्य माया में लिप्त हो गया है जिससे वह सच्चाई और धर्म से दूर हो रहा है। कथा में उन्होंने कपिलास्तधायी, अनुशुईया, सती, ध्रुव, भरत और प्रह्लाद जैसे पात्रों के चरित्रों के माध्यम से नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा दी। आचार्य जी ने विशेष रूप से कहा कि अनुशुईया चरित्र पतिव्रता नारी ब्रह्मा, विष्णु, महेश को भी प्रभावित कर सकती है भारतीय नारी हमेशा पूज्यनीय रही है। सती चरित्र बेटी और पिता के प्रेम, कन्या भ्रूणहत्या का महापाप और माता-पिता का सम्मान अनिवार्य। ध्रुव चरित्र गुरु ही परमात्मा तक पहुँचाते हैं धर्म में दिखावा नहीं होना चाहिए।
भरत और प्रह्लाद चरित्र माता-पिता की सेवा सर्वोपरि संस्कारी संतान पूरे परिवार को मुक्ति दिला सकती है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भगवानदास सबनानी विधायक उपस्थित रहे। आयोजनकर्ता संजय खंडेलवाल, भूपेंद्र महाराज, देवेन्द्र पतसारिया, राजेन्द्र अवस्थी, सुखेन्द्र मिश्र, श्रमश्री सेवा संस्था अध्यक्ष रामबाबू शर्मा, और अनेक भक्त विशेष रूप से उपस्थित रहे। श्रद्धालुओं ने आचार्य जी के प्रेरक संदेशों को ध्यानपूर्वक सुना और जीवन में धर्म, संस्कार, माता-पिता और गुरु के प्रति सम्मान बनाए रखने का संकल्प लिया।
