भोपाल।
जिला प्रशासन के नियमों की पेट्रोल पंप संचालक जमकर धज्जियां उड़ा रहे है। तत्कालीन कलेक्टर ने राजधानी में दुपहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहन कर वाहन चलाने का नियम पर सख्ती दिखाई थी जिसके लिए चालान के रूप में पैसा वसूला जाता था, लेकिन यह सब बेअसर साबित रही। इसी के साथ जिला प्रशासन पूर्व में बनाए अपने ही नियम हेलमेट नहीं तो पेट्रोल नहीं को दोबारा सख्ती से लागू करना भूल गया, जिससे हमेशा की तरह इस बार भी हेलमेट मुहिम सिर्फ चालानी कार्रवाई तक सीमित होकर रह गया है। हेलमेट मुहिम की चालानी राशि बढ़ाकर पुलिस प्रशासन ने भले ही इस अभियान को जोर शोर से शुरू कर दिया था, लेकिन जिला प्रशासन ने अपने ही बनाए इस नियम को भूला दिया है, इसके लागू होने के बाद शहर के 90 फीसदी वाहन चालकों को हेलमेट पहनने पर विवश कर दिया था।
गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट पेट्रोल देना ही बंद कर दिया था। इसके बाद शहर में प्रत्येक दुपहिया वाहन चालक हेलमेट पहने ही दिखाई देता था। यह मुहिम पेट्रोल पंप संचालकों की लापरवाही के कारण सुस्त पड़ गई। इधर जानकारों की मानें तो नियम तो लागू है, लेकिन लोगों की जागरूकता और सहयोग नहीं मिलने के कारण मुहिम कमजोर पड़ गया है। ऐसे नियमों पर पालन के लिए लोगों को सहयोग करना चाहिए।