भोपाल
बौद्धिक सम्पदा अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में युवाओं को केरियर बनाने की अपार संभावनाएं हैं पेटेंट,ट्रेडमार्क, कापीराइट,ट्रेड सीक्रेट , डिजाइनिंग और जियोग्राफिकल इंडीकेटर सम्बंधी नियम और कानून बौद्घिक सम्पदा अधिकार को संरक्षित करने मे अहम भूमिका रहे हैं । उक्त विचार डॉ. अजय ठाकुर सहायक नियंत्रक पेटेंट और डिजाइन ,मुंबई भारत सरकार, द्वारा नेशनल इंटेलेक्चुअल प्रापर्टी अवेयरनेस मिशन के अंतर्गत बाबूलाल गौर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भेल मे आइ क्यू ए सी एवं म.प्र. उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना के तत्वाधान मे बौद्घिक सम्पदा अधिकार सम्बंधी जागरूकता* विषय पर आयोजित सेमीनार मे मुख्य अतिथि के रुप में व्यक्त किए,
आपने कोका-कोला, एप्पल,अमूल,नोकिया, रिलाइंस, मौलिक लेखन, गीत,संगीत एवं फिल्मी दुनिया मे प्रचलित बौद्घिक सम्पदा अधिकार की बारीकियों के सरल शब्दो में समझाया,यह भी बताया कि बौद्घिक सम्पदा अधिकारों की जानकारी से व्यवसायिक और औधौगिक संस्थानों को किस तरह लाभान्वित कर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर निर्मित किए जा सकते है,
इस परिप्रेक्ष्य मे कानूनी सलाहकार बनकर भी युवा रोजगार पा सकते है ,आपने छात्र-छात्राओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया ,इस अवसर पर मेपकास्ट भोपाल के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. एन के चौबे ने रतलामी सेव,चंदेरी साडयि़ां, महेश्वर सिल्क आदि माध्यम से मध्यप्रदेश में बौद्घिक सम्पदा अधिकारों की प्रभावशीलता समझाई, संचालन आई क्यू ए सी समन्वयक डा संजय जैन ने किया ,सेमीनार में स्टाफ और भारी संख्या में छात्र छात्राओं ने से सहभागिता की ।