ग्वालियर,
देश के गृहमंत्री अमित शाह रविवार को मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंच रहे हैं. वह यहां करीब 450 करोड़ की लागत से बनने वाले राजमाता विजया राजे सिंधिया एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन और एयरपोर्ट विस्तार के कार्य का भूमिपूजन करेंगे. इसके अलावा अमित शाह ग्वालियर के मेला ग्राउंड में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. वे करीब डेढ़ घंटे तक सिंधिया के शाही महल जयविलास पैलेस में भी रुकेंगे और शाही भोज में भी शामिल होंगे. इस दौरान केंद्रीय मंत्री मराठा गैलरी का भी लोकार्पण करेंगे.
जयविलास पैलेस में लगाई गई मराठा गैलरी में छत्रपति शिवाजी, वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई, लोकमाता अहिल्या बाई, सिंधिया राजवंश सहित कई मराठा वीरों की गाथाओं से जुड़े पोर्ट्रेट लगाए गए हैं. इन पोर्टेट पर पहले हिंदी, फिर मराठी और अंग्रेजी में भी जानकारी दी गई है. लोकार्पण के बाद पर्यटकों के लिए यह गैलरी खोल दी जाएगी.
सिंधिया राजघराने का यह शाही महल देश-विदेश में विख्यात है. जयविलास पैलेस पर्यटकों की लिस्ट में जरूर शामिल होता है. पूरा महल तकरीबन 40 एकड़ (12 लाख स्क्वायर फीट) में फैला हुआ है. इस पैलेस को मराठा राजा श्रीमंत जयाजी राव सिंधिया ने साल 1874 में बनवाया था. पैलेस के जीवाजीराव सिंधिया म्यूजियम वाले हिस्से को साल 1964 में लोगों के लिए खोल दिया गया था. इसका निर्माण सर माइकल फिलोसे ने किया था.
1874 में पड़ी थी नींव, निर्माण खर्च एक करोड़ रुपए
मराठा राजा जयाजी राव सिंंधिया की देखरेख में जयविलास पैलेस की नींव रखी गई थी. उस दौरान इस शाही महल का निर्माण खर्च एक करोड़ रुपए आया था. अब बताया जाता है कि इसकी कीमत 4 हजार करोड़ रुपए के आस-पास है. सिंधिया परिवार का जयविलास पैलेस कितना भव्य है इस बात अंदाजा इसी बात लगाया जा सकता है कि यहां 400 कमरे हैं.
इन कमरों में से 40 को म्यूजियम में कन्वर्ट कर दिया गया है. इनमें सिंधिया राजघराने का एंटीक सामान रखा हुआ है. लग्जरी कारें, शानदार पेंटिंग, उन दौरान के हथियार, शाही बग्घी के अलावा और भी बहुत कुछ मौजूद है. इस महल की ट्रस्टी ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया हैं.
3500 किलो के दो झूमर
जयविलास पैलेस के दरबार हॉल में 3500 किलो के दो झूमर लगे हैं. ऐसा बताया जाता है कि जब यह झूमर लगाए गए थे, तब छत पर 10 हाथियों को 7 दिनों तक चढ़ाए रखा था. जिससे महल की छत कितनी मजबूत है? इसका अंदाजा लग सके.
माधवराव सिंधिया का खास कमरा
महल के 400 कमरों में ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया का कक्ष भी है. आज भी ये कक्ष उनके नाम से संरक्षित किया गया है. इस कमरे में माधवराव ने अपनी पसंद का आर्किटेक्ट और एंटीक रखा था. इस संग्रहालय की एक और खास चीज है, वो है ‘चांदी की रेल’ जिसकी पटरियां डाइनिंग टेबल पर लगी हैं. अति विशिष्ट दावतों में यह रेल पेय परोसती चलती है. इस हॉल में इटली, फ्रांस, चीन और अन्य कई देशों की दुर्लभ कलाकृतियां मौजूद हैं.