अशोकनगर
प्रयागराज में महाकुंभ का सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस महाकुंभ में सनातन विरोधी लोगों को वहां व्यापार और प्रवेश पर बैन लगा दिया गया था। इसी की तर्ज पर रंगपंचमी पर मध्यप्रदेश के एक दिवसीय सबसे बड़े मेले में सनातन विरोधी लोगों को बैन करने की मांग की है। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है।
दरअसल, अशोकनगर जिले में करीला मां जानकी का प्राचीन मंदिर है। यहां हर साल रंगपंचमी पर वार्षिक मेले का आयोजन होता है। इस एक दिवसीय मेले में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस मेले में प्रदेश भर के व्यापारी व्यापार करने के लिए पहुंचते है। मेले के दौरान करोड़ों का व्यापार होता है।
सनातन विरोधियों के एंट्री पर बैन की मांग
अब विश्व हिंदू परिषद ने करीला मेले में सनातन विरोधी और हिंदू धर्म का विरोध करने वाले मां जानकी को न मानने वाले हिंदू विरोधियों के लिए मेले में प्रतिबंध लगाने की मांग उठ रही है। विश्व हिंदू परिषद के दीपक मिश्रा ने बुधवार को कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी को ज्ञापन सौंपा। जिसमें मांग की है कि राष्ट्रीय स्तर के इस मेले में किसी भी आसामाजिक तत्व और सनातन विरोधी तत्व को ना दुकान दी जाए। साथ ही उनका प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाया जाए।
करीला में लगता है राष्ट्रीय स्तर का मेला
आपको बता दें कि जिले में करीला मां जानकी का मंदिर है। यहां राष्ट्रीय स्तर का मेला आयोजित होता है। इसमें भारत के कोने- कोने से लोग आते हैं। सबसे ज्यादा राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र के साथ-साथ देशभर से लोग अपनी मनोकामना लेकर आते हैं। इन लोगों की जब पूर्ण होती है तो यहां राई नृत्य करवाते हैं। यह प्रदेश का एक दिवसीय लगने वाला पहला मेला है। इस मेले को लेकर प्रशासन ने युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है।