भोपाल।
प्रदेश के संविदा कर्मचारियों ने नियमितीकरण की लंबे समय से लंबित मांग को लेकर शुक्रवार को राजधानी में जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारी राज्य शिक्षा केंद्र के सामने घन्टी, थाली, लोटा और चम्मच बजाकर विरोध जताते दिखाई दिए। उनका कहना है कि संविदा कर्मचारी वर्षों से अस्थायी रूप से काम कर रहे हैं, लेकिन नियमित भर्ती न होने से उनके भविष्य पर संकट बना हुआ है। संविदा कर्मचारी मोर्चा के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार ने 2023 में घोषित संविदा नीति में नियमित भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण का वादा किया था, लेकिन अभी तक इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। कर्मचारियों ने बताया कि कई विभागों में संविदा के पद समाप्त कर दिए गए हैं, जिससे हजारों कर्मचारी बेरोजगार होने की कगार पर हैं।
कर्मचारियों ने यह भी मांग उठाई कि जिन विभागों में संविदा कर्मचारी सेवा दे रहे हैं, वहाँ की नियमित भर्ती प्रक्रिया में उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए। उनका कहना है कि संविदा नीति 2018 में भी इसी तरह की स्थिति बनी थी, जिसके बाद कई बार आश्वासन मिले लेकिन अमल नहीं हुआ। प्रदर्शन में मौजूद नेताओं और संगठन पदाधिकारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही नियमितीकरण पर निर्णय नहीं लिया गया, तो राज्यभर में आंदोलन तेज किया जाएगा। कर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि संविदा नीति में किए गए वादों को लागू कर संविदा कर्मचारियों के लिए स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
