भोपाल ।
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को सींगरौली में बड़े पैमाने पर की जा रही पेड़ों की कटाई का मुद्दा जमकर गूंजा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने 6 लाख पेड़ों की कटाई की अनुमति ऐसे उद्योग समूहों को दी है, जिनके हितों को प्राथमिकता दी जा रही है। विपक्ष ने इसे “जंगलों के व्यवस्थित विनाश” की संज्ञा दी और दावा किया कि यह पूरा मामला सरकारी संरक्षण में हो रहा है। कांग्रेस ने कहा—अदाणी समूह को फायदा, प्रकृति को नुकसान विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने कहा कि वन क्षेत्र का तेजी से कटना पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा है। उनका आरोप था कि सींगरौली की जमीन और जंगलों को एक बड़े निजी उद्योग समूह के लिए खाली कराया जा रहा है।
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विपक्ष ने कहा कि वन्य जीवों का आवास नष्ट होगा और आदिवासी समुदायों की आजीविका पर व्यापक असर पड़ेगा। सरकार का जवाब—पेड़ काटे भी जा रहे, लगाए भी जा रहे सरकार की तरफ से मंत्री ने कहा कि पेड़ों की कटाई नियमानुसार की जा रही है और इसकी भरपाई के लिए बड़े पैमाने पर पौधारोपण भी किया जा रहा है। उन्होंने विपक्ष पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया और कहा कि विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों का संतुलन बनाए रखा जा रहा है।
