MP और Maharastra सरकार ने रचा इतिहास, जानिए दोनों राज्यों ने क्या किया बड़ा समझौता

इंडो-पाक बॉर्डर पर टेंशन तो एकदम चरम पर है। इसको लेकर देश के कई राज्यों में हाई अलर्ट है। लेकिन, इसी बीच एक बड़ी खबर आई है। ग्राउंड वाटर रिचार्ज प्रोजेक्ट्स में शामिल ताप्ती बेसिन प्रोजेक्ट को लेकर आज एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। दरअसल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज प्रोजेक्ट को लेकर एक मीटिंग की। 25 साल बाद हुई इस अंतर्राज्यीय मीटिंग में दोनों राज्यों ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर सहमति जताई है।

25 साल बाद बनी बात ऐतिहासिक समझौता

तुम्हें बता दें कि ये मीटिंग मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई। एमपी-महाराष्ट्र अंतर्राज्यीय नियंत्रण बोर्ड की 28वीं मीटिंग के दौरान सीएम मोहन यादव और फडणवीस ने ताप्ती बेसिन प्रोजेक्ट पर एमओयू साइन किया। 25 साल बाद हुई इस अंतर्राज्यीय मीटिंग में ये समझौता होना वाकई में ऐतिहासिक है। इस प्रोजेक्ट को जल प्रबंधन की दिशा में दोनों राज्यों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग के क्षेत्र में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।

फडणवीस बोले आज का दिन ऐतिहासिक

अपने संबोधन में महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस ने कहा, “आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है। ये प्रोजेक्ट लंबे समय से विचाराधीन था। आज दोनों राज्यों ने सर्वसम्मति से हस्ताक्षर किए हैं। मैं सीएम डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने इसमें विशेष रुचि दिखाई। ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज दुनिया का अजूबा है। रिचार्ज क्षमता इतनी अद्भुत है कि ऐसा लगता है जैसे कोई गुप्त नदी बहती है, कुएं में जाती है और पानी कम नहीं होता।”

दोनों राज्यों को होगा फायदा

ताप्ती बेसिन प्रोजेक्ट से दोनों राज्यों को व्यापक लाभ मिलने की उम्मीद है। फडणवीस ने कहा कि इससे मध्य प्रदेश के 1.31 लाख हेक्टेयर और महाराष्ट्र के 2.34 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी। इसके अलावा, महाराष्ट्र के खारे पानी वाले इलाकों की संरचना में सकारात्मक बदलाव आएगा, जिससे जीवन और अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को केंद्रीय योजना के तौर पर लिया जाना चाहिए, ताकि केंद्र सरकार मदद कर सके। फडणवीस ने इसे “दुनिया का अजूबा” बताया।

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सीएम मोहन ने क्या कहा

ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज प्रोजेक्ट पर बोलते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ये योजना “देवो भव” की भावना से टेक्नोलॉजी के आधार पर लागू की जाएगी। उन्होंने नागपुर को पानी उपलब्ध कराने की योजना को भी टेक्नोलॉजी आधारित बताया। “एमपी के वाटरमैन” के संदर्भ में उन्होंने अतीत की आलोचना से बचते हुए कहा कि वे किसी की निंदा नहीं करना चाहते। उन्होंने ये भी बताया कि 28 साल पहले कांग्रेस के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इस मुद्दे पर सहमति नहीं बना सके थे, लेकिन उनकी सरकार ने बैठकर पानी की चिंता का समाधान निकाला।

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अक्टूबर में होगी अगली मीटिंग

मीटिंग में 27 साल पहले जमघाट पर हुई चर्चा का भी जिक्र किया गया, जिसमें नागपुर को पीने के लिए 10 टीएमसी पानी उपलब्ध कराने पर सहमति बनी थी। ये पानी अगले 30-35 सालों तक शहर की जरूरतों को पूरा करेगा। दोनों राज्यों ने अक्टूबर में फिर से एक अंतर्राज्यीय मीटिंग करने का फैसला किया है, जिसमें आपसी सहयोग के अन्य क्षेत्रों पर भी चर्चा की जाएगी।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों पर आधारित है। यह लेख केवल जानकारी के लिए है।

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