कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘लंगड़े घोड़े’ वाले बयान को लेकर तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन इस पर उठा राजनीतिक तूफ़ान शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। अब तो इस बयान पर सियासी बयानबाज़ी के साथ-साथ खिलाड़ियों ने भी अपनी कड़ी नाराज़गी जताई है। पैरा खिलाड़ियों ने राहुल गांधी के इस बयान पर गहरी आपत्ति दर्ज कराई है, जिससे यह मामला और तूल पकड़ गया है। इस बयान के विरोध में शुक्रवार को पैरा खिलाड़ी और दिव्यांग जन मंत्री विश्वास सारंग ज्ञापन सौंपने भोपाल पहुँचे।
‘लंगड़े घोड़े’ वाले बयान पर बवाल दिव्यांगों में ग़ुस्सा
राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं की तुलना घोड़े से करने और उन्हें ‘लंगड़ा घोड़ा’ कहने पर बवाल अभी थमा नहीं है। राहुल ने पहले भी कार्यकर्ताओं और नेताओं की तुलना घोड़ों से की है, लेकिन मध्य प्रदेश में उन्होंने पहली बार उन्हें ‘लंगड़ा घोड़ा’ कहा था। उनके इस बयान से दिव्यांग समुदाय में ज़बरदस्त ग़ुस्सा है।
पैरा खिलाड़ियों का आरोप है कि राहुल गांधी ने ‘लंगड़ा’ कहकर दिव्यांग जनों का अपमान किया है। उनकी मांग है कि राहुल गांधी को अपने पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए। वहीं, खेल मंत्री विश्वास सारंग ने भी कहा है कि राहुल गांधी का यह बयान दिव्यांगों सहित पूरे समाज का अपमान है।
पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों ने की राहुल के इस्तीफ़े की मांग
पैरा ओलंपिक खिलाड़ी (रोइंग) नपेंद्र चौरसिया ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि, “राहुल गांधी ने उनका मज़ाक उड़ाया है। वह कहते हैं कि प्रकृति द्वारा किए गए अन्याय के बावजूद हम ख़ुद को साबित कर रहे हैं।
देश की इतनी बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता राहुल गांधी हमारी कमज़ोरी का मज़ाक उड़ा रहे हैं, जिसे हमने अपनी ताक़त बनाया है।” इन खिलाड़ियों ने राहुल गांधी के इस बयान को लेकर खेल मंत्री विश्वास सारंग को एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें राहुल गांधी से माफ़ी मांगने और इस्तीफ़े की मांग की गई है।
‘कांग्रेस ने हमेशा किया दलितों-वंचितों का अपमान’ विश्वास सारंग
खेल मंत्री विश्वास सारंग ने मीडिया से बातचीत में कहा, “विपक्ष के नेता राहुल गांधी के इस बयान से दिव्यांग समुदाय आहत हुआ है। उन्हें अपने इस बयान के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए और अपने पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए।” सारंग ने आगे कहा कि “कांग्रेस और नेहरू परिवार ने हमेशा शोषित, पीड़ित और दिव्यांग जनों का अपमान किया है।
राहुल गांधी का यह बयान दिव्यांग समुदाय सहित पूरे समाज का अपमान करता है।” खेल मंत्री विश्वास सारंग ने ज़ोर देते हुए कहा कि “सोने का चम्मच मुँह में लेकर पैदा हुए राहुल गांधी ने न केवल दिव्यांग जनों का, बल्कि कार्यकर्ताओं की तुलना जानवरों से करके उनका भी अपमान किया है। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी पार्टी के कार्यकर्ताओं का अपमान नहीं किया जाना चाहिए।”
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पैरा ओलंपिक खिलाड़ी सत्येंद्र लोहिया ने भी जताई थी नाराज़गी
बता दें कि इससे पहले, पैरा ओलंपिक खिलाड़ी सत्येंद्र लोहिया ने भी इस मामले पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की थी। उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए राहुल गांधी को लिखा था कि मैं व्यक्तिगत रूप से आपका सम्मान करता हूँ, आप देश के एक सम्मानित राजनेता हैं।
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दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था कि इस अधिनियम के अनुसार, ‘लंगड़ा’ जैसे शब्द अब हटा दिए गए हैं और इनका क़ानूनी रूप से उपयोग नहीं किया जा सकता। यह अधिनियम संसद द्वारा पारित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘दिव्यांग’ शब्द का उपयोग इसलिए किया था ताकि दिव्यांग लोगों को समाज में न केवल सम्मान और गौरव मिले, बल्कि वे ख़ुद को किसी भी तरह से कमज़ोर न समझें।
अस्वीकरण (Disclaimer):यह ख़बर राहुल गांधी के एक बयान पर हुई राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाओं पर आधारित है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और विभिन्न नेताओं व खिलाड़ियों के बयानों से ली गई है। इस लेख का उद्देश्य घटनाक्रम को प्रस्तुत करना है, न कि किसी विशेष राजनीतिक विचार का समर्थन या विरोध करना।
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