स्‍टारलिंक: बांग्‍लोदश की युनूस सरकार ने वो कर दिया जिसकी तैयारी में जुटे भारत-पाकिस्‍तान

बांग्‍लोदश से शेख हसीना की सरकार के जाने के बाद पहली बार वहां के लोगों के लिए कोई बड़ी खबर आई है। मोहम्‍मद युनूस सरकार ने एलन मस्‍क की कंपनी स्‍टारलिंक से हाथ मिला लिया है। बांग्‍लादेश में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं की शुरुआत हो गई है। इससे उन लोगों को फायदा होगा जो किसी भी कीमत पर इंटरनेट से जुड़े रहना चाहते हैं। दिलचस्‍प यह है कि भारत और पाकिस्‍तान से पहले बांग्‍लादेश में स्‍टारलिंक की सर्विस शुरू हुई है। पाकिस्‍तान में स्‍टारलिंक को अस्‍थायी लाइसेंस दिया गया था। अब वहां की शाहबाज सरकार मस्‍क की कंपनी से कागजी कार्रवाई को पूरा करने के लिए कह रही है। भारत में स्‍टारलिंक को जरूरी मंजूरी मिल गई है, लेकिन सेवाओं का शुरू होना अभी बाकी है। इस बीच बांग्‍लादेश में स्‍टारलिंक की सर्विस के लिए कितनी जेब ढीली करनी होगी, इसका रफ डेटा भी सामने आया है।

बांग्‍लादेश में सैटेलाइट इंटरनेट के प्राइस
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्‍लादेश में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए लोगों को प्रतिमाह 4200 टका यानी करीब 35 डॉलर देने होंगे। भारतीय मुद्रा में यह रकम 2,990 रुपये के करीब है। इसके अलावा स्‍टारलिंक के इंस्‍ट्रूमेंट के लिए एकमुश्‍त 47 हजार टका यानी करीब 33 हजार रुपये चुकाने होंगे। इस हिसाब से यह भारी-भरकम इन्‍वेस्‍टमेंट होने वाला है। अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि यह प्‍लान इंडिविजुअल के लिए है या फ‍िर बिजनेसेज के लिए।

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सैटेलाइट इंटरनेट के फायदे
सैटेलाइट इंटरनेट का सबसे बड़ा फायदा इसकी कनेक्टिविटी है। यह दूर-दराज के इलाकों को इंटरनेट से जोड़ सकता है, जहां अभी तक मोबाइल इंटरनेट या ब्रॉडबैंड सेवा नहीं पहुंची है।
सैटेलाइट इंटरनेट तब भी काम करता है जब बाढ़ या अन्‍य किसी प्राकृतिक आपदा के कारण मोबाइल इंटरनेट या ब्रॉडबैंड बाधित हो जाए।
सैटेलाइट इंटरनेट में सिग्‍नल सीधे अंतरिक्ष से आते हैं। लो-अर्थ-ऑर्बिट में घूम रहे स्‍टारलिंक के टर्मिनल लोगों को कनेक्‍ट करते हैं, इसलिए यह मोबाइल इंटरनेट या ब्रॉडबैंड से ज्‍यादा प्रभावी है।

हसीना सरकार पर निशाना
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, सैटेलाइट इंटरनेट सेवा को लॉन्‍च करके मोहम्‍मद युनूस सरकार ने शेख हसीना की सरकार पर निशाना साधा। दरअसल, बांग्‍लोदश में जब विरोध-प्रदर्शन किए गए थे, तब हसीना सरकार ने इंटरनेट को बंद कर दिया था। मौजूदा सरकार का कहना है कि अब इंटरनेट बंद नहीं होगा। भविष्‍य में कोई भी राजनीतिक बदलाव होने पर भी यह सर्विस चलती रहेगी। स्‍टारलिंक की सेवाएं 70 से ज्‍यादा देशाे में शुरू हो गई हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में बांग्‍लोदश संभवत: पहला देश बन गया है, जिसने स्‍टारलिंक की सर्विस को अपने यहां शुरू किया है।

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