IMF : भारत के लिए एक और गौरवपूर्ण खबर सामने आई है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपनी हालिया रिपोर्ट ‘ग्रोइंग रिटेल डिजिटल पेमेंट्स द वैल्यू ऑफ इंटरऑपरेबिलिटी’ में खुलासा किया है कि भारत दुनिया में सबसे अधिक ऑनलाइन लेनदेन करने वाला देश बन गया है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है, और अकेले यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के माध्यम से हर महीने 18 अरब से अधिक लेनदेन हो रहे हैं. यह आंकड़ा भारत की डिजिटल क्रांति की कहानी बयां करता है.
UPI: भारत में ही नहीं, विदेशों में भी दे रहा सुविधा
UPI की पहुंच अब सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सीमा पार भी लोगों को सुविधा प्रदान कर रहा है. वर्तमान में, UAE, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस सहित 7 देशों में यह सुविधा पहले से ही उपलब्ध है. हाल ही में, इसने फ्रांस में भी अपनी पैठ बनाई है, जिससे वहां यात्रा करने वाले या रहने वाले भारतीयों को विदेशी लेनदेन की किसी भी परेशानी के बिना भुगतान की सुविधा मिलती है. यह भारत की डिजिटल क्षमता का वैश्विक विस्तार दर्शाता है.
एक साल में 32 प्रतिशत की वृद्धि: डिजिटल भुगतान की रफ्तार
IMF की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस साल जून में UPI के माध्यम से 18.39 अरब लेनदेन हुए, जबकि पिछले साल जून में यह आंकड़ा केवल 13.88 अरब था. इसका मतलब है कि UPI भुगतान में एक साल में लगभग 32 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की गई है. UPI प्रणाली अब 49.1 करोड़ व्यक्तियों और 6.5 करोड़ व्यापारियों को सेवा प्रदान करती है. यह प्रणाली 675 बैंकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ती है, जिससे वित्तीय लेनदेन बेहद आसान हो गया है. भारत में होने वाले सभी डिजिटल लेनदेन का 85 प्रतिशत हिस्सा UPI का है, और यह अंतरराष्ट्रीय रियल-टाइम डिजिटल भुगतानों का लगभग 50 प्रतिशत कवर करता है, जो इसे वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी भुगतान प्रणाली बनाता है.
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क्या है UPI सिस्टम?
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को वर्ष 2016 में लॉन्च किया था. इस प्रणाली का उद्देश्य उपयोगकर्ता के एक या एक से अधिक बैंक खातों को एक ही मोबाइल ऐप पर लाना है. इसके माध्यम से, आप बैंक या इंटरनेट कैफे जाए बिना, सिर्फ एक क्लिक में दुकान या दोस्तों को पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं.
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भारत में हर महीने 18 अरब से अधिक लेनदेन होने से इस सुविधा ने कार्ड और नकद भुगतानों को काफी कम कर दिया है, जिससे देश एक नकदी-रहित अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ रहा है. UPI की यह सफलता वित्तीय समावेशन और डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.