नई दिल्ली
इंटरनेशनल लेवल पर कच्चे तेल (क्रूड) की कीमतों में बढ़ोतरी का माहौल बन रहा है। ओपेक+ सदस्यों ने दूसरी तिमाही में तेल उत्पादन में कटौती जारी रखने पर सहमति जताई है। इसके चलते सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों में मजबूती देखी गई। ओपेक+ पेट्रोलियम निर्यातक देशों और उसके सहयोगियों का संगठन है। सवाल यह है कि क्या लोकसभा चुनाव से पहले इसका असर घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर भी पड़ेगा? इसका जवाब पूरी तरह से हां या नहीं में देना मुश्किल है। चूंकि उत्पादन में कटौती दूसरी तिमाही से प्रभावी होगी। ऐसे में शायद घरेलू बाजार पर बहुत असर न पड़े। जिस समय क्रूड की कीमतें मजबूत होंगी तब तक चुनाव हो चुके होंगे।सोमवार को इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट फ्यूचर 28 सेंट बढ़कर 83.83 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच गया। वहीं, यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) 20 सेंट बढ़कर 80.17 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
ओपेक+ का फैसला था अपेक्षित
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन और उसके सहयोगियों (ओपेक+) की ओर से उत्पादन कम करने का फैसला अपेक्षित था। कारण है कि उनका टारगेट ग्लोबल आर्थिक चिंताओं और गैर-ओपेक+ देशों के बढ़ते उत्पादन के बीच बाजार को संतुलित करना है। हालांकि, रूस के अन्य ओपेक+ देशों के सहयोग से अपने तेल उत्पादन और निर्यात में 4,71,000 बैरल प्रति दिन की कटौती करने के ऐलान ने एक्सपर्ट को चौंकाया।
एएनजेड विश्लेषकों ने एक नोट में कहा कि फिजिकल मार्केट में किल्लत कच्चे तेल की कीमतों को बढ़ा रही है। ओपेक+ गठबंधन की ओर से उत्पादन में कटौती से सप्लाई कम हुई है। वहीं, मध्य पूर्व में तनाव को लेकर चिंताएं भी कीमतों को प्रभावित कर रही हैं।
कीमतों को कई कारणों से मिली है हवा
इजरायल और हमास में चल रहे संघर्ष और लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमलों ने तेल की कीमतों को हवा देने का काम किया है। ईरान समर्थित हूतियों ने कसम खाई है कि अदन की खाड़ी में वे ब्रिटिश जहाजों को निशाना बनाना जारी रखेंगे। ब्रिटेन के स्वामित्व वाले जहाज रूबायमर के डूबने के बाद उन्होंने ऐसा किया है। जवाब में अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने हमास से तत्काल छह सप्ताह के युद्धविराम का आह्वान किया है। इजरायल से गाजा को सहायता बढ़ाने की अपील की है।अमेरिका रमजान की शुरुआत से पहले युद्धविराम समझौते की दिशा में काम कर रहा है। रमजान अभी एक सप्ताह दूर है। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि इजरायल एक रूपरेखा समझौते पर सहमत हो गया है, जो संघर्ष विराम की दिशा में प्रगति का संकेत देता है।