Daily Horoscope: ग्रहों की स्थिति की बात करें तो चंद्रमा दिन के अधिकांश समय वृश्चिक राशि में रहेगा और रात 8:10 बजे धनु राशि में प्रवेश करेगा. शुक्र मेष राशि में, सूर्य वृषभ राशि में, बुध और बृहस्पति मिथुन राशि में, मंगल और केतु सिंह राशि में, राहु कुंभ राशि में और शनि मीन राशि में रहेंगे. यह ज्योतिषीय संयोजन कुछ राशियों के लिए चुनौतियाँ ला सकता है. इन राशियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं किन राशियों के लिए 11 जून का दिन शुभ नहीं रहेगा और इसे अच्छा बनाने के लिए क्या उपाय करें?
मिथुन राशि: रिश्तों में तनाव आर्थिक नुकसान का डर
मिथुन राशि में बुध और बृहस्पति की युति बौद्धिक और संचार कौशल को बढ़ाएगी, लेकिन चंद्रमा का वृश्चिक राशि में होना और ज्येष्ठा नक्षत्र का प्रभाव संचार में गलतफहमी और रिश्तों में तनाव ला सकता है. व्यापारियों को सौदों में सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि गलत फैसलों से आर्थिक नुकसान हो सकता है. कोई करीबी आपको धोखा दे सकता है, इसलिए पूरी सावधानी बरतें. प्रेम संबंधों में वाद-विवाद या गलतफहमी की संभावना है. स्वास्थ्य में जोड़ों का दर्द, त्वचा संबंधी समस्याएँ या थकान आपको परेशान कर सकती है.
वृश्चिक राशि: भावनात्मक अस्थिरता कार्यस्थल पर मतभेद
चंद्रमा दिन के अधिकांश समय वृश्चिक राशि में रहेगा, जिससे इस राशि के लोगों के लिए भावनात्मक अस्थिरता और मानसिक तनाव हो सकता है. ज्येष्ठा नक्षत्र और पूर्णिमा तिथि का प्रभाव निर्णय लेने में भ्रम पैदा कर सकता है. कार्यस्थल पर सहकर्मियों या वरिष्ठों के साथ मतभेद होने की संभावना है. पारिवारिक जीवन में छोटी-छोटी बातों पर गलतफहमी तनाव बढ़ा सकती है. स्वास्थ्य के लिहाज़ से सिरदर्द, पेट की समस्याएँ या नींद की कमी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं.
उपाय: चंद्रमा के प्रभाव को शांत करने के लिए चांदी के बर्तन में दूध पिएं और माँ दुर्गा को सफेद फूल अर्पित करें.
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कुंभ राशि: मानसिक तनाव अप्रत्याशित चुनौतियाँ
कुंभ राशि में राहु की उपस्थिति और चंद्रमा का वृश्चिक राशि में होना मानसिक तनाव और अनिश्चितता का कारण बन सकता है. नौकरीपेशा लोगों को कार्यस्थल पर अतिरिक्त दबाव या अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. पारिवारिक जीवन में माता-पिता या जीवनसाथी के साथ तनाव हो सकता है. स्वास्थ्य में नींद की कमी, तनाव या पाचन संबंधी समस्याएँ आपको परेशान कर सकती हैं.
उपाय: भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाएं और ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें.
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अस्वीकरण: यहाँ दी गई जानकारी ज्योतिषीय गणनाओं और सामान्य भविष्यवाणियों पर आधारित है. यह व्यक्तिगत जीवन पर ग्रहों के प्रभाव से भिन्न हो सकता है. हम किसी भी दावे की सत्यता की गारंटी नहीं लेते हैं. व्यक्तिगत सलाह के लिए किसी योग्य ज्योतिषी से संपर्क करें.