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Wednesday, July 16, 2025
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सुस्ती का असर? मोबाइल फोन की घटी बिक्री, कंपनियों को लेने के देने पड़ गए

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नई दिल्ली

एक समय था, जबकि दुनिया भर की कंपनियां भारत आकर मोबाइल फोन बनाने के लिए फैक्ट्री लगा रही थी। सरकार यहां लोकल मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए अच्छी खासी प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेटिव (PLI) दे रही थी। इसका फायदा उठाने के लिए यहां मोबाइल फोन बनाने की खूब क्षमता बढ़ी। लेकिन अब चाहे विदेशी बाजार हो या घरेलू, सब जगह मांग में भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से इन फैक्ट्रियों की फोन उत्पादन क्षमता में से आधे का भी उपयोग नहीं हो पा रहा है।

क्यों हुई दिक्कत
इंडस्ट्री एक्जीक्यूटिव्स और मार्केट पर नजर रखने वालों के मुताबिक सरकार द्वारा प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना का लाभ उठाने के लिए फैक्ट्री तो बन गई, लेकिन इस समय मोबाइल फोन विनिर्माण क्षमताओं में से आधे का उपयोग नहीं किया जा रहा है। इसकी वजह वैश्विक और घरेलू स्तर पर कमज़ोर मांग बताया जाता है। उनका कहना है कि कोरोना के बाद जब फैक्ट्री खुलीं, तभी से क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा है। साल 2022 में तो स्थिति और बिगड़ी। उस समय लग रहा था कि कुछ महीनों में स्थिति सुधरेगी, लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हो पाया है।

मोबाइल फोन असेम्बलिंग लाइन का दूसरा उपयोग
अब जबकि घरेलू बाजार में मोबाइल फोन पर्याप्त संख्या में बिक नहीं रहे हैं और निर्यात भी नहीं हो रहे हैं, तो जाहिर है कि नए फोन नहीं बनेंगे। ऐसे में कंपनियों ने असेंबली लाइन का उपयोग कुछ अन्य सामानों के निर्माण के लिए करना शुरू कर दिया है। इन असेंबली लाइन के एक बड़े हिस्से में टेलीकॉम इक्विपमेंट और हेड फोन, इयर फोन जैसे वियरेबल्स बनने लगे हैं।

भारत में कितने फोन बनाने की है क्षमता
काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, साल 2024 के अंत में भारत की वार्षिक मोबाइल फोन उत्पादन क्षमता 500 मिलियन यूनिट से अधिक थी। इसमें स्मार्टफोन, फीचर फोन और टैबलेट बनाने की क्षमता शामिल थी। इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ELCINA) का अनुमान 400-420 मिलियन यूनिट है।

कितने फोन बन रहे हैं
काउंटरपॉइंट और इंडस्ट्री एसोसिएशन ने बताया कि भारत में इस समय सालाना केवल 250 मिलियन मोबाइल फोन का ही उत्पादन हो पा रहा है। इनमें से 200 मिलियन स्मार्टफोन और फीचर फोन घरेलू बाजार के लिए हैं, जबकि बाकी, ज्यादातर iPhone, निर्यात किए जाते हैं। भारत में मोबाइल फोन निर्माण मुख्य रूप से PLI-पात्र खिलाड़ियों जैसे डिक्सन टेक्नोलॉजीज, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और होन हाई (फॉक्सकॉन) द्वारा संचालित है।

एंट्री लेवल फोन की बिक्री घटी
रिसर्च फर्म CMR के अनुसार, 2024 की जुलाई-सितंबर की तिमाही के दौरान एंट्री लेवल फोन और फीचर फोन के शिपमेंट में साल-दर-साल के आधार पर 14% की गिरावट देखी गई। ऐसा मुख्य रूप से 4G फीचर फोन शिपमेंट में 46% की गिरावट के कारण हुआ। इस दौरान 2G फीचर फोन की बिक्री में भी 1% की गिरावट आई। इससे पता चलता है कि अब भारतीय अर्थव्यवस्था में बेसिक मोबाइल फोन की मांग तेजी से घटती जा रही है।

स्मार्टफोन शिपमेंट में भी बदलाव नहीं
सब समझ रहे थे कि फीचर फोन या एंट्री लेवल फोन की बिक्री घटी है तो स्मार्टफोन की बिक्री बढ़ गई होगी। लेकिन स्मार्टफोन शिपमेंट में कोई खास बदलाव नहीं हुआ। कोविड के बाद की दबी हुई मांग के कारण साल 2021 में 7% की सालाना वृद्धि देखी गई थी। लेकिन, उसके बाद, साल 2022 के दौरान स्मार्टफोन के शिपमेंट में 10% की गिरावट आई। साल 2023 में स्थिति में मामूल सुधार हुआ। शिपमेंट में महज 1% की वृद्धि हुई। IDC के अनुसार, 2024 में भी वॉल्यूम इसी तरह कम रहने की उम्मीद है।

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