रूस पर आंख मूंदकर भरोसा करना कितना सही? चीन से जंग होने पर देगा किसका साथ… एक्सपर्ट ने उठाए सवाल

नई दिल्ली

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश में गुस्सा है। ऐसे में पूर्व राजनयिक अजय बिसारिया का कहना है कि लोगों की भावनाओं के आधार पर पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं किया जा सकता। उन्होंने युद्ध के कुछ जरूरी पहलुओं पर बात की। उन्होंने कहा कि युद्ध कब करना है, यह लोगों की भावनाओं से तय नहीं होना चाहिए। वहीं, सुशांत सरीन ने रूस के साथ भारत की दोस्ती को लेकर चर्चा की। उन्होंने पूछा कि हम रूस-रूस करते हैं, लेकिन क्या हमनें कभी सोचा है कि हमारा चीन के साथ युद्ध होता है तो रूस किस तरफ खड़ा होगा?

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अजय बिसारिया ने पॉडकास्ट में कहा कि किसी भी ऑपरेशन को सफल होने के लिए तीन चीजें जरूरी हैं। तेजी, चौंकाना और गोपनीयता। इसका मतलब है कि अगर भारत को पाकिस्तान के साथ युद्ध करना है, तो उसे जल्दी और चुपचाप कार्रवाई करनी होगी ताकि पाकिस्तान को संभलने का मौका न मिले। उन्होंने आगे कहा कि हमें यह तय करना होगा कि कब कार्रवाई करनी है, और यह लोगों की भावनाओं से तय नहीं होना चाहिए। बिसारिया 2017 से 2020 तक पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त थे। उन्होंने कहा कि अगर हालात बिगड़ते हैं तो हमें अपने दम पर लड़ने के लिए तैयार रहना होगा।

राजनीतिक और राष्ट्रीय इच्छाशक्ति जरूरी
उन्होंने आगे कहा कि हमें यह लड़ाई अपने दम पर लड़नी होगी। जब आप आगे बढ़ते हैं, तो आपको सबसे बुरे हालात के लिए तैयार रहना चाहिए। सबसे बुरा यह हो सकता है कि स्थिति बेकाबू हो जाए और आपको पूरी तरह से युद्ध लड़ना पड़े। आपके पास ऐसा करने की क्षमता, इरादा, राजनीतिक इच्छाशक्ति और राष्ट्रीय इच्छाशक्ति होनी चाहिए।

जंग के भारी नुकसान के बारे में दी चेतावनी
अजय बिसारिया का यह बयान ऐसे समय में आया है जब जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन से जुड़े आतंकियों ने 26 लोगों को मार डाला। इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। रणनीतिक मामलों के जानकार सुशांत सरीन ने युद्ध के ‘भारी नुकसान के बारे में चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के शहरों पर मिसाइलें गिराने लगते हैं, तो दोनों देशों को नुकसान होगा।

लोगों को बताने होंगे सैन्य कार्रवाई के खतरे
सुशांत सरीन ने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि हम लोगों को बताएं कि किसी भी सैन्य कार्रवाई के भारी नुकसान और खतरे होते हैं। अगर मिसाइलें एक-दूसरे के शहरों पर गिरेंगी, तो अगर इस्लामाबाद और लाहौर खतरे में हैं, तो दिल्ली भी खतरे में है। उन्होंने रूस के साथ भारत की दोस्ती पर भी सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या रूस उस स्थिति में भारत का साथ देगा जब उसका चीन के साथ टकराव होगा। हमें अपनी विदेश नीति से जुड़े लोगों से यह पूछना चाहिए कि हम हमेशा ‘रूस, रूस, रूस’ कहते रहते हैं। अगर कल चीन के साथ हमारा कोई झगड़ा होता है, तो क्या रूस हमारा साथ देगा?

YouTube चैनलों पर प्रतिबंध लगाना ठीक
शरीन ने आगे कहा कि मेरा सवाल है कि जब रूस ने पाकिस्तान के मामले में हमारा साथ नहीं दिया, तो वह चीन के मामले में हमारा साथ क्यों देगा? उन्होंने सरकार के उस फैसले का समर्थन किया, जिसमें पाकिस्तान के YouTube चैनलों और क्रिएटर्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह ठीक नहीं है कि वे भारत के बाजार का इस्तेमाल भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने और उससे मुनाफा कमाने के लिए किया जाए।

युद्ध में दोनों देशों को उठाना पड़ेगा नुकसान
अजय बिसारिया और सुशांत सरीन दोनों ने ही युद्ध के खतरों के बारे में चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि हमें सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए और लोगों की भावनाओं में बहकर कोई कदम नहीं उठाना चाहिए। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि युद्ध में दोनों देशों को नुकसान होगा।

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