खरगोन,
अंजनगांव पंचायत का मोड़ फलिया में करीब 70 कच्चे मकान-झोपड़े हैं। फलिया की आबादी लगभग 300 है और अधिकांश लोग मजदूर पेशा हैं। ग्रामीणों की मानें तो गांव में पानी की परेशानी है, इसलिए सुबह काम पर जाने के पहले जल्दी उठकर सड़क के समीप स्थित हैंपपंप से ही पानी भरना होता है। बुधवार सुबह भी रोज की तरह कई लोग हैंडपंप पर पानी भरने पहुंचे थे और पेट्रोल-डीजल भरा टैंकर पलट गया। पलटने से टैंकर से पेट्रोल रिसने लगा। कुछ लोग दुर्घटना को देखने के लिए तो कुछ लोग टैंकर से रिस रहा पेट्रोल अपने बर्तनाें में एकत्रित करने के लिए टैंकर के पास पहुंच गए।
दुर्घटना में बिजली के तार भी टूटे थे। संभवत: तारों में हुए शार्ट सर्किट से पेट्रोल ने आग पकड़ ली और ब्लॉस्ट हो गया। आग फैली तो आसपास मौजूद लोगों को चपेट में ले लिया। दुर्घटना के बाद 23 घायलों को जिला अस्पताल लाया गया। झुलसे हुए मरीजों के उपचार के लिए जिला अस्पताल की पूरी टीम तैनात रही। इतने मरीज व उनके परिजन सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों के एकत्रित होने से जिला अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बना। घायलों में अधिकांश लोग 50 प्रतिशत से अधिक झुलसने से स्थिति गंभीर बनी और 17 को इंदौर रैफर करना पड़ा।
घायलों को अलग-अलग एंबुलेंस में रैफर करने के लिए पहली बार जिले के विभिन्न अस्पतालों से 20 एंबुलेंस बुलाई गई। 17 एंबुलेंस से झुलसे हुए मरीज इंदौर रैफर किए गए, वहीं 3 एंबुलेंस रिजर्व में रखी गई। उधर, जिला प्रशासन, पुलिस व भारत पेट्रोलियम कंपनी लिमिटेड की टीम द्वारा हादसे के कारणों को जानने के लिए जांच शुरू की गई। इसमें विभिन्न पहलुओं पर जांच की जा रही है।
घटना के बाद बीपीसीएल के सेल्स मैनेजर अंकित खटारकर ने बताया कंपनी द्वारा टीम बनाकर हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। पूरे मामले को लेकर कंपनी गंभीर है। एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया मामले में टैंकर चालक रवि चौहान को गिरफ्तार कर लिया गया है। संभवत: अंधे मोड़ पर स्पीड अधिक होने से दुर्घटना हुई है। पूरे मामले की बारिकी से जांच की जा रही है। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया घटना के बाद हमारी प्राथमिकता घायलों को तुरंत बेहतर उपचार देना थी। जिला अस्पताल की टीम ने प्राथमिक उपचार कर गंभीर घायलों को इंदौर रैफर किया गया। साथ ही उच्चाधिकारियों से संपर्क कर इंदौर में बेहतर उपचार की व्यवस्था की गई है।
परिजनों का बुरा हाल हुआ
ग्राम अंजनगांव के मोड़ फलिया में दुर्घटना के बाद पूरा दिन अधिकारी-कर्मचारियों सहित अन्य लोगों की भीड़ लगी रही। घटना स्थल से करीब 100 मीटर दूर मृतिका रागु पिता गोरेलाल का घर है। रागु की मौत व उसके भाई व बहन के झुलसने से परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल था। फलिए के अधिकांश घरों में ताले लगे थे। रागु के परिजनों ने बताया सुबह जल्दी खाना बनाना था, क्योंकि मजदूरी पर जाना होता है। रागु अपने भाई-बहन के साथ हैंडपंप पर पानी लेने गई थी और यह हादसा हो गया।
कमिश्नर और आईजी भी पहुंचे एमवाय अस्पताल
खरगोन से इंदौर रैफर किए गए मरीजों के पहुंचने पर इंदौर कमिश्नर डॉ. पवन शर्मा व आईजी राकेश गुप्ता भी एमवाय अस्पताल पहुंचे। इधर, सांसद गजेंद्रसिंह पटेल ने जिला अस्पताल पहुंच मरीजों के हाल जानें। सांसद पटेल ने कहा यह एक दुखद घटना है। घायलों के उपचार में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। विधायक रवि जोशी ने दुर्घटना पर सवाल खड़े किए। विधायक ने आरोप लगाए कि प्रदेशभर में पेट्रोल-डीजल की कालाबाजारी चल रही है। इस पूरे मामले की जांच की जाना चाहिए और मृतक के परिवार सहित घायलों को सहायता राशि दी जानी चाहिए।
17 गंभीर इंदौर रैफर
गंभीर घायलों में बादल पिता भावसिंह (12), हीरालाल पिता सरदार (25), मुनसिंग पिता भावसिंग (20), सुरमाबाई पति प्रकाश (30), कनिया पिता तेरसिंह (35), मलाबाई पति वेरसिंग (40), नत्थू पिता नानसिंह (40) व मीराबाई पति बबलू (28), राहुल पिता कड़िया (17), कमलाबाई पति कालू (30), शिवानी पिता प्रकाश (12), लक्ष्मी पिता गोरेलाल (14), रामसिंग पिता नानसिंग (25), सपना पिता गोरेलाल (18), अनिल पिता नत्थू (25), रमेश पिता सुभान (30) व कमाबाई पति गोरेलाल (40) को खरगोन जिला अस्पताल से इंदौर रैफर किया गया। वहीं जिला अस्पताल में प्रेम पिता अनारसिंग (18), अजय पिता गोरेलाल (08), गोरेलाल पिता सेकडिया (45), जगदीश पिता गोरेलाल (25), संजय पिता शोभाराम (12) व राहुल पिता गोरेलाल (14) का उपचार जारी है।
कुल 27 एंबुलेंस जिले में, घायलों के लिए 20 बुलाई
हादसे में झुलसे मरीजों को इंदौर रैफर करने के लिए जिले के ऊन, मांडवखेड़ा, बिस्टान, मंडलेश्वर, करही, बरूड़ से एंबुलेंस बुलवाई गई। इनमें जिला अस्पताल की 7 एंबुलेंस भी शामिल थी। जिले में कुल 27 एंबुलेंस हैं।