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सुकमा में रहस्यमय बीमारी का कहर, 800 की आबादी वाले गांव में 50 से ज्यादा लोगों की मौत से हड़कंप

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रायपुर

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में रहस्यमय बीमारी का कहर सामने आया है। जिसमें पिछले कुछ महीनों के दौरान 50 से ज्यादा लोगों की मौत से हड़कंप मच गया। मामला जिले सुदूरवर्ती रेगड़गट्टा गांव का है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 6 महीने के दौरान रेगडगट्टा गांव में रहस्यमय बीमारी से 61 लोगों की जान चली गई है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि दो साल में यहां 50 से 52 लोगों की मौत हुई है। वहीं जिनकी जान गई उनके परिवारों को यह पता नहीं चल सका कि कैसे इन लोगों की मौत हुई।

सुकमा के रेगडगट्टा गांव का मामला
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि जिस गांव में 50 से ज्यादा लोगों की जान गई, वहां करीब 800 लोगों की आबादी रहती है। रहस्यमयी बीमारी से करीब 6 महीने में इतने लोगों की मौत से आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई है। परिवारों को यह पता नहीं चला कि उन्हें किसने मारा। ग्रामीणों के मुताबिक, इस रहस्यमय बीमारी में पैरों और शरीर के अंगों में सूजन और दिल मचलाने की शिकायत करते हैं। हालांकि, लोगों की मौत कैसे हो रही इसके कारणों का पता नहीं चल सका है।

मौतों के आंकड़ों से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप
बीमारी का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी लगातार हाथ-पांव मार रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि बीमार लोगों के सैंपल जांच ली गई है। गांव की मिट्टी और पानी की भी जांच की जा रही है। रेगडगट्टा सुकमा जिला मुख्यालय से लगभग 100 किमी और ओडिशा और तेलंगाना बॉर्डर के करीब है। इस दुर्गम इलाके में मानसून के दौरान हेल्थ शिविर लगाना भी एक बड़ी चुनौती है। यही वजह है कि महीनों तक मरीजों की मौत पर किसी का ध्यान नहीं गया जब तक कि इनकी संख्या को लेकर खबर स्थानीय मीडियाकर्मियों को नहीं मिली।

सुकमा कलेक्टर ने पूरे मामले में क्या कहा
वहीं मामला सामने आते ही जिला मुख्यालय को दो दिन पहले सतर्क कर दिया गया। सुकमा के कलेक्टर हैरिस एस ने लोगों के मौत की पुष्टि की है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस बीमारी से लोगों के हाथ-पांव में सूजन, उल्टी और बेचैनी की शिकायत का पता चला है। पानी और मिट्टी के लिए गए सैंपल की शुरुआती रिपोर्ट में दो हैंड-पंप में से एक के पानी में हाई आयरन कंटेंट के साथ ही हायर फ्लोराइड कंटेट के मिलने का पता चला है।

जांच रिपोर्ट में हैंडपंप के पानी पर उठे सवाल
रेगडगट्टा के लोगों को इन हैंडपंप के पानी का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी गई है। हैरिस ने कहा कि करीब 41 लोगों को सुकमा जिला अस्पताल लाया गया है। उनमें से चौदह को किडनी की बीमारी का पता चला है और उनका इलाज किया जा रहा है। स्वास्थ्य अधिकारी नियमित रूप से फॉलो-अप कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि एक मेडिकल टीम पहले ही ब्लड सैंपल लेने के लिए गांव पहुंच चुकी है। जिन्हें नागपुर की एक प्रयोगशाला में भेजा जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता डॉ सुभाष मिश्रा ने कहा कि उन्हें संदेह है कि यह बीमारी हाई फ्लोराइड और लोहे की मात्रा वाले पानी के सेवन से हुई है। हम बीमारी के सटीक कारण की पहचान करने के लिए टेस्टिंग कर रहे हैं। स्वास्थ्य कर्मियों के लिए गांव पहुंचना बड़ी कठिनाई से कम नहीं है। इस गांव का निकटतम ब्लॉक कोंटा है, जो लगभग 25 किमी दूर एक माओवादी हॉटस्पॉट है।

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