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Thursday, July 31, 2025
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चीन के वायरस की भारत में एंट्री से बाजार में दहशत, सेंसेक्स 1,100 अंक लुढ़का

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नई दिल्ली

चीन में वायरस के प्रकोप की खबरों के बीच बेंगलुरु में भारत का पहला एचएमपीवी मामला सामने आने आया है। इससे शेयर बाजार में हड़कंप मच गया। बीएसई सेंसेक्स में 1,100 से अधिक अंकों की गिरावट आई है। निफ्टी में लगभग 1.4% की गिरावट दिख रही है। सेंसेक्स सुबह तेजी के साथ खुला था लेकिन भारत में एचएमपीवी का पहला मामला सामने आने के साथ ही निवेशकों के हाथपांव फूल गए। मिड और स्मॉल-कैप शेयरों के साथ-साथ विभिन्न सेक्टर्स व्यापक बिकवाली के कारण इंडिया VIX में 13% की उछाल आई। सेंसेक्स 1,200 से अधिक अंकों की गिरावट के साथ 77,960 के दिन के निचले स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 23,600 के स्तर के करीब लुढ़क गया।

पीएसयू बैंक, रियल एस्टेट और ऑयल एंड गैस स्टॉक में सबसे ज्यादा गिरावट रही। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में सबसे ज्यादा 7% गिरावट रही जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा, एचपीसीएल, बीपीसीएल, टाटा स्टील, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस तथा पीएनबी में 4-5% की गिरावट आई। एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) और कोटक महिंद्रा बैंक सेंसेक्स पर सबसे अधिक गिरावट वाले शेयरों में से थे। हफ्ते के पहले दिन निवेशक तीसरी तिमाही के परिणामों पर नजर रखने के साथ-साथ अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल और भू-राजनीतिक मुद्दों पर फोकस कर रहे थे कि भारत में HMPV का पहला मामला मिलने की खबर से उनके हाथपांव फूल गए।

क्यों गिरा बाजार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बेंगलुरु में एक 8 महीने के बच्चे में HMPV का पता चला है। आईसीएमआर ने भी दो मामलों की पुष्टि की है। इनमें 3 महीने की बच्ची और 8 महीने का बच्चा शामिल है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ये कोई नया वायरस नहीं है। मौसम में बदलाव के कारण ये केस बढ़ते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को आश्वस्त किया है कि चिंता का कोई कारण नहीं है। भारत विभिन्न चैनलों के माध्यम से वैश्विक HMPV स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी. के. विजयकुमार ने कहा कि बाजार पर एफआईआई प्रवाह को प्रभावित करने वाले नकारात्मक कारकों और कुछ सकारात्मक घरेलू कारकों का प्रभाव पड़ने की संभावना है, जो बाजार को समर्थन दे सकते हैं। डॉलर इंडेक्स 109 और 10-वर्षीय यूएस बॉन्ड यील्ड 4.62% पर रहने के साथ बाहरी मैक्रो कंस्ट्रक्ट प्रतिकूल बना हुआ है। यील्ड में गिरावट आने और डॉलर के स्थिर होने तक एफआईआई द्वारा बिकवाली जारी रखने की संभावना है।

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