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Wednesday, August 27, 2025
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लोग पनीर पर GST दे रहे, सिनेमा के लिए पैसे कहां से लाएंगे- फिल्‍मों के पिटने पर बोले अनुराग कश्‍यप

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बॉलीवुड के चर्चित फिल्ममेकर अनुराग कश्यप अक्सर अपनी बातों को काफी खुलकर रखते हैं। वो लगभग हर मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हैं और सामने से खुलकर बोलते हैं। कभी ऐसा होता है कि अनुराग की बातें लोगों को कड़वी भी लग जाती हैं लेकिन इसी के साथ उनके ऐसे हजारों फैंस हैं, जो उन्हें सुनना और उनकी फिल्में देखना पसंद करते हैं। इन दिनों डायरेक्टर अपनी फिल्म दोबारा को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं और इसी के चलते वो कई इंटरव्यूज भी कर रहे हैं। अपने एक हालिया एंटरव्यू में अनुराग ने हिंदी फिल्मों के ना चलने पर काफी अलग बात कही है। उन्होंने इसे काफी अच्छी तरह से समझाया है।

फिल्मों पर अनुराग के तीखे बोल
फिल्ममेकर ने इन दिनों बॉलीवुड की खराब स्थिति और साउथ फिल्मों के ब्लॉकबस्टर्स से हो रहे कॉम्पटिशन के बारे में बात की। अनुराग का मानना है कि स्थिति उतनी गंभीर नहीं है जितनी कि अनुमान लगाया जा रहा है और फिल्म निर्माता केवल मीडिया में बनाई गई कहानी से डरते हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हिंदी फिल्मों में कुछ गलत हो रहा है या कमी हो रही है। सिर्फ कहानी जो बनाई जा रही है, फिल्म निर्माता डर महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डराया जा रहा है। कुछ इसे खरीद लेते हैं, दूसरे नहीं। हम हर तरह की फिल्में बना रहे हैं और ‘बड़ी ब्लॉकबस्टर’ फिल्मों के बारे में धारणा बनाई जा रही है जो हिंदी फिल्म से नहीं आई हैं।’

साउथ की भी हर फिल्म नहीं चलती..
अनुराग ने ‘बॉलीवुड नाउ’ से बात करते हुए हिंदी और साउथ फिल्मों के बारे में कहा, आपको कैसे पता कि साउथ की फिल्में काम कर रही हैं। तेलुगू में एक ही काम कर रही, तमिल और कन्नड़ में भी एक ही ने किया। आपको कैसे पता कि वहां की हर फिल्म काम कर रही। आपको पता ही नहीं होगा कि पिछले हफ्ते वहां कौन सी फिल्म रिलीज हुई। क्योंकि वो वहां भी नहीं चल रही हैं।’

पनीर पर तो GST है, फिल्म देखने कहां से जाएंगे
उन्होंने आगे कहा, ‘मेन प्रॉब्लम ये है कि लोगों के पास पैसे नहीं हैं खर्च करने को। पनीर पर तो GST लगा हुआ है। खाने की चीजों पर आप GST लगा रहे हो। उससे डिस्ट्रैक्ट करने के लिए ये बायकॉट का गेम होता है। लोग फिल्म देखने तब जाते हैं जब उन्हें श्योरिटी है कि वो फिल्म अच्छी है या फिर वो सालों से उसका इंतजार कर रहे हैं।’

बॉलीवुड 75 सालों में भी आजाद नहीं हुआ
फिल्मों से देश की इकोनॉमी को जोड़ते हुए उन्होंने कहा, ‘देश में इतना भारी इकोनॉमिक स्लम चल रहा है। उस पर लोगों का ध्यान नहीं जा रहा है। बॉलीवुड और फिल्मों में लोगों को उलझाके सारी असली प्रॉब्लम्स से हटा दिया जाता है। बॉलीवुड या क्रिकेट के बारे में बातें करते रहो, हमारे देश में लोगों को पता ही नहीं चलेगा कि देश में दिक्कत क्या चल रही है। देश को आजाद हुए 75 साल हो गए लेकिन बॉलीवुड आज भी इंडिपेंडेंट नहीं है।’

क्यों है हिंदी फिल्मों का ये हाल?
हाल की हिंदी फिल्मों के खराब बॉक्स ऑफिस नंबरों के पीछे कुछ दूसरे कारण बताते हुए अनुराग ने कहा, ‘लोग अच्छा सिनेमा देखना चाहते हैं। मैं मानता हूं कि हाल के दिनों में कुछ अच्छी फिल्में हैं जिन्होंने काम नहीं किया है, लेकिन किसी को भी समझना चाहिए कि हम देश में आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे हैं। आज बिस्कुट और पनीर जैसी बुनियादी चीजों पर टैक्स लगाया जा रहा है। क्या आपको लगता है कि लोग फिल्म के महंगे टिकट तब तक खरीदेंगे जब तक उन्हें यकीन नहीं हो जाता कि फिल्म उनका मनोरंजन करेगी? साथ ही, फिल्में उबाऊ हैं और दर्शकों की दिलचस्पी खत्म हो जाती है।’

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