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Friday, November 7, 2025
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CEC और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाले पैनल में CJI के नहीं होने पर याचिका, सुप्रीम कोर्ट करेगा नए कानून की वैधता पर फैसला

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नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के चयन पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया। CEC राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि वह CEC और अन्य ECs (नियुक्ति, अधिकारी की शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023 की वैधता की जांच करेगा और फैसला सुनाएगा। दरअसल, मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्ति की नियुक्ति के लिए बने पैनल से सीजेआई (चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया) को बाहर करने वाले नए कानून के प्रावधान को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन के सिंह की बेंच से नए CEC के चयन की प्रक्रिया पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। उनका तर्क था कि 2023 का कानून सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करता है। इस फैसले में चयन समिति में प्रधानमंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता के साथ CJI को भी शामिल किया गया था ताकि समिति कार्यपालिका से स्वतंत्र रहे।

भूषण ने कहा कि तीन सदस्यीय चयन समिति में CJI की जगह केंद्रीय कैबिनेट मंत्री को रखने से प्रक्रिया की स्वतंत्रता भंग हुई है। चुनाव आयोग, CEC और चुनाव आयुक्तों (ECs) की स्वतंत्रता का अभाव, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए गंभीर खतरा है, जो लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इसी तरह के तर्क वकील ने जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच के सामने भी रखे थे। पिछले साल एक तर्कसंगत अंतरिम आदेश द्वारा उस पीठ ने 2023 के कानून के संचालन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। यह कानून CEC और ECs के चयन की प्रक्रिया तय करता है।

मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चयन पैनल की संरचना पेश की थी, लेकिन स्पष्ट रूप से कहा था कि यह अंतरिम व्यवस्था तब तक लागू रहेगी जब तक संसद कानून नहीं बनाती। संसद ने दिसंबर 2023 में कानून बनाया।

इस दौरान बेंच ने कहा कि 2023 के कानून के संचालन पर अंतरिम रोक लगाने वाली याचिकाओं के गुण-दोष पर सुनवाई करने के बजाय, मामले की पूरी सुनवाई करना और उस पर फैसला देना बेहतर है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 12 फरवरी को तय की है।

फरवरी 2024 तक चुनाव आयोग CEC राजीव कुमार के साथ एक सदस्यीय आयोग बन गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और तत्कालीन विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी (जिन्होंने असहमति जताई) वाली समिति ने पिछले साल 16 मार्च को लोकसभा चुनाव से पहले आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया था।

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