28.7 C
London
Tuesday, July 1, 2025
Homeराज्यसिर्फ 2 सीटों के लिए तेजस्वी को नीतीश की जरूरत, कभी भी...

सिर्फ 2 सीटों के लिए तेजस्वी को नीतीश की जरूरत, कभी भी कर सकते हैं बड़ा खेल

Published on

पटना

बिहार में तेजस्वी को सरकार बनाने के लिए नीतीश के समर्थन की जरूरत थी। अगर नीतीश तेजस्वी के साथ नहीं आते तो महागठबंधन की सरकार नहीं बनती। लेकिन ये आधा सच है, आंकड़ों को देखेंगे तो ये साफ पता चल जाएगा कि तेजस्वी को नीतीश की नहीं बल्कि सिर्फ दो और विधायकों की जरूरत रह गई है। वो कहते हैं न कि खेल बहुत बड़ा है, तो सच में है कुछ ऐसा ही। यकीन नहीं आता तो हमारी ये खबर पढ़ते जाइए। एक तरह से ऐसे समझिए कि सीएम नीतीश कुमार पर महागठबंधन सरकार की स्टियरिंग तेजस्वी यादव ही संभालेंगे। इन आंकड़ों से समझिए पूरा गणित…

अब सिर्फ 2 सीटों के लिए तेजस्वी कोनीतीश की जरूरत
पहले हम ये साफ कर दें कि जरूरी नहीं कि हम जो आपको बता रहे हैं वही हो, ये आंकड़ों के हिसाब से एक अनुमान भर है। बिहार में सरकार के वर्तमान समीकरण को देखे तो तस्वीर साफ है कि तेजस्वी को नीतीश की जरूरत सिर्फ 2 सीटों के लिए ही है। अब अगर आप नीतीश को हटाकर महागठबंधन का नया (संभावित) समीकरण देखें तो ये कुछ यूं है।

आरजेडी- 79 विधायक
कांग्रेस- 19 एमएलए
लेफ्ट पार्टियां- 16 विधायक
Ham – 4 विधायक
AIMIM-1 विधायक
निर्दलीय- 1 एमएलए

इस संख्या को जोड़े तो 79+19+16+4+1+1= 120 विधायक होते हैं। इस तरह से देखें तो अगर मांझी, ओवैसी की पार्टी के बचे सिंगल विधायक और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन मिलते ही तेजस्वी को नीतीश की जरूरत सिर्फ 2 सीटों के लिए रह जाती है। ऐसे में वो अगर चाहें तो बिहार में नया समीकरण स्थापित कर सकते हैं। वो कभी भी बड़ा खेल कर सकते हैं। अब सवाल ये कि ये कितना मुमकिन है।

नीतीश के सिर्फ 2 विधायक चाहिएं
जीतन राम मांझी एक ऐसे नेता हैं जो थोड़ा बहुत नीतीश कुमार की तरह ही हैं। उन्हें भी सहूलियत की राजनीति बेहद पसंद है। जहां उन्हें सम्मान (सरकार) मिले, वो वहीं जाना पसंद करते हैं। हालांकि ये कहना जल्दबाजी होगी कि मांझी नीतीश का साथ छोड़ तेजस्वी के खेमे में चले जाएंगे। लेकिन अगर ऐसा मौका आया तो उनके ज्यादा हिचकने के आसार कम ही होंगे। वहीं ओवैसी की पार्टी के एक विधायक फिलहाल तो मजबूती के साथ खड़े हैं लेकिन उन्हें भी डिगाया जा सकता है। हालांकि इसकी उम्मीद भी मांझी जितनी ही है। कुल मिलाकर ऐसे समझिए कि अगर तेजस्वी अपने दम पर सरकार बनाने की कोशिश करें तो उन्हें ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं होगी। कुल मिलाकर पूरा सवाल नीयत का होगा।

Latest articles

भेल में प्रशासनिक फेरबदल 

भेलभेल भोपाल यूनिट में प्रशासनिक फेरबदल किया गया है l विभागों में फेरबदल...

Fatty Liver Causes: फैटी लीवर से बचना है तो इन चीज़ों से करें परहेज़ हकीम सुलेमान ख़ान के ख़ास नुस्ख़े

Fatty Liver Causes: लिवर की बीमारियों के पीछे सबसे बड़ा कारण हमारी खराब लाइफस्टाइल...

तेलंगाना BJP को बड़ा झटका विधायक टी राजा सिंह ने पार्टी से दिया इस्तीफ़ा, नेतृत्व विवाद की अटकलें तेज़

BJP : तेलंगाना में बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे...

More like this

Jyotiraditya Scindia:मोबाइल पर अमिताभ की कॉलर ट्यून से ज्योतिरादित्य सिंधिया भी परेशान हटाया जा सकता है संदेश

Jyotiraditya Scindia:मोबाइल कॉल करने से पहले सुनाई देने वाली साइबर जागरूकता कॉलर ट्यून जिसमें...

मध्य प्रदेश में सदानिरा समागम का आगाज CM मोहन यादव बोले- प्रदेश में गंगा-यमुना से भी ज्यादा जल

CM : मध्य प्रदेश में जल संरचनाओं के संरक्षण के लिए चलाए जा रहे...