13.4 C
London
Sunday, November 9, 2025
Homeराष्ट्रीयतिलक लगवा आज़ाद घूम रहे बिलकिस बानो के गुनहगार, अब इन तीन...

तिलक लगवा आज़ाद घूम रहे बिलकिस बानो के गुनहगार, अब इन तीन महिलाओं ने खोला मोर्चा

Published on

नई दिल्ली

बिलकिस बानो। 2002 के गुजरात दंगों के दौरान दंगाइयों ने उनके साथ गैंगरेप किया। तब वह गर्भवती थीं। परिवार के 7 सदस्यों समेत 14 लोगों को दंगाइयों ने मार डाला। 2008 में सीबीआई की विशेष अदालत ने 13 में से 11 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। 2017 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। सभी 11 दोषी अब रिहा हो चुके हैं क्योंकि गुजरात सरकार ने कैद के दौरान उनके ‘अच्छे चाल-चलन’ के आधार पर ये फैसला लिया। जेल से बाहर आने पर इन रेपिस्टों और हत्यारों का कुछ लोगों ने ‘तिलक’ लगाकर, माला पहनाकर किसी हीरो की तरह स्वागत किया। अब तीन महिलाओं ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बिलकिस बानो के गुनहगारों की रिहाई के फैसले को पीआईएल के जरिये सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसे सुनने के लिए अदालत राजी हो गया है।

15 अगस्त 2022 को रिहा किए गए दोषी
बिलकस बानो के गुनहगारों को रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को राजी हो गया। इस जनहित याचिका (PIL) को सीपीएम नेता और सामाजिक कार्यकर्ता सुभाषिनी अली, पत्रकार से लेखिका बनीं रेवती लाल और मानवाधिकार कार्यकर्ता रूप रेखा वर्मा ने दाखिल किया है। सीजेआई एन वी रमण की अगुआई वाली बेंच ने याचियों की वकील अपर्णा भट से पूछा कि क्या सजा में छूट का फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुआ है। इस पर याचियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक और सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने बताया कि जस्टिस अजय रस्तोगी की अगुआई वाली बेंच ने बस इतना कहा था कि सजा सुनाए जाते वक्त सजा माफी से जुड़े जो नियम थे, वहीं इन 11 दोषियों पर लागू होंगे। इन दोषियों को 15 अगस्त 2022 को 9 जुलाई 1992 के एक पॉलिसी रिजोलूशन के तहत रिहा किया गया।

बिलकिस केस के दोषियों को तत्काल फिर गिरफ्तार किया जाए : याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता तीनों महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल नहीं उठा रहे हैं। हम इसके पीछे के तर्क और उस आधार को चुनौती दे रहे हैं कि जिसके मुताबिक 14 लोगों की हत्या और महिलाओं पर यौन हमले को दोषियों की सजा पर नरमी बरती गई।’ इस पर सीजेआई पीआईएल पर जल्द से जल्द सुनवाई के लिए लिस्टिंग पर राजी हुए। याचिकाकर्ताओं ने रिहा किए गए दोषियों की तत्काल फिर से गिरफ्तारी और जेल भेजे जाने की मांग की है।

‘रिहाई नियमों के खिलाफ, एकतरफा फैसला नहीं ले सकती गुजरात सरकार’
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि चूंकि अपराध की जांच केंद्र की एक एजेंसी सीबीआई ने की थी लिहाजा गुजरात सरकार दोषियों को सजा में छूट का एकतरफा फैसला नहीं कर सकती। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) के सेक्शन 435 के तहत राज्य सरकार के लिए इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से सलाह लेना अनिवार्य है।

‘रेप के दोषी सजा माफी नीति से बाहर, रिहाई पूरी तरह जनहित के खिलाफ’
याचिकाकर्ता महिलाओं का कहना है कि इस साल 15 अगस्त को केंद्र सरकार की सजा माफी नीति में उन कैदियों को बाहर रखा गया है जो रेप के दोषी हैं। उन्होंने याचिका में कहा है कि अपराध की गंभीरता के मद्देनजर इन दोषियों की रिहाई पूरी तरह से जनहित के खिलाफ है और यह सामूहिक जन चेतना को हिलाने वाला है। इसके अलावा यह पीड़ित के हितों के खिलाफ है जो सार्वजनिक तौर पर कह चुकी है कि उसकी सुरक्षा को खतरा है।

दोषियों की रिहाई को चुनौती देने वालीं इन 3 महिलाओं को जानिए
सुभाषिनी अली सीपीएम की नेता हैं। वह ऑल इंडिया डेमोक्रैटिक वूमेंस असोसिएशन की अध्यक्ष हैं। वह कानपुर से लोकसभा सांसद भी रह चुकी हैं। उनकी पहचान राजनेता के साथ-साथ एक सोशल एक्टिविस्ट की भी है।रेवती लाल पत्रकार, फिल्ममेकर और लेखिका हैं। गुजरात दंगों पर उन्होंने ‘द एनाटॉमी ऑफ हेट’ किताब भी लिखी हैं। वह हेट क्राइम और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर खास तौर पर मुखर रहती हैं।

79 वर्ष की रूप रेखा वर्मा मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। वह लखनऊ यूनिवर्सिटी में दर्शन शास्त्र विभाग की अध्यक्ष और कार्यवाहक कुलपति भी रह चुकी हैं। वह मानवाधिकारों के लिए अपनी आवाज बुलंद करती रहती हैं। वर्मा महिलाओं के खिलाफ अपराधों और सांप्रदायिक हिंसा के तमाम मामलों में इंसाफ के लिए हस्तक्षेप कर चुकी हैं।

Latest articles

इतिहास रचा! 11 गेंदों में 8 छक्के, मेघालय के बल्लेबाज़ आकाश कुमार ने जड़ा सबसे तेज़ अर्धशतक का वर्ल्ड रिकॉर्ड

रणजी ट्रॉफी 2025-26 के प्लेट ग्रुप में मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के बीच चल...

उत्तराखंड को पीएम मोदी का ₹8,100 करोड़ का तोहफ़ा! रजत जयंती पर किया विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन

उत्तराखंड के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी...

More like this

GST घटाने का असर: हस्तशिल्प पर दिखी बड़ी राहत, पीतल की मूर्तियों और कारीगरों की बिक्री में हुआ बंपर इज़ाफा!

GST : सरकार द्वारा कुछ हस्तशिल्प उत्पादों (Handicraft Products) पर जीएसटी (GST) दरों में...

इन 5 राशि वालों के लिए आया ‘Golden Time’: सूर्य और शुक्र का नक्षत्र गोचर बदलेगा भाग्य, धन-संबंध में होगी तरक्की!

ज्योतिषीय दृष्टि से 6 और 7 नवंबर 2025 की तारीखें बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि...

PM Kisan 21वीं किस्त: किसानों के खाते में कब आएगी ₹2,000 की रकम? जल्द करवा लें e-KYC, वरना अटक सकता है पैसा!

PM Kisan: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Yojana) योजना के तहत, करोड़ों किसानों...