23.7 C
London
Wednesday, July 30, 2025
Homeग्लैमर'मैं कहां जाकर रोती...', विवादों में घिरी इमरजेंसी से परेशान कंगना रनौत,...

‘मैं कहां जाकर रोती…’, विवादों में घिरी इमरजेंसी से परेशान कंगना रनौत, बोलीं- पॉलिटिकल फिल्म नहीं बनाऊंगी

Published on

‘इमरजेंसी’ से कंगना रनौत दूसरी बार फिल्म प्रोडक्शन-डायरेक्शन में कदम रख रही हैं. एक्ट्रेस की होम प्रोडक्शन फिल्म इससे पहले मणिकर्णिका थी. लेकिन इमरजेंसी से कंगना को तमाम विवादों का सामना करना पड़ा. इससे कंगना बेहद तंग आ चुकी हैं. एक्ट्रेस ने कहा कि उन्हें बहुत बड़ा सबक मिल गया है. वो अब कभी कोई पॉलिटिकल फिल्म नहीं बनाएंगी.

इमरजेंसी फिल्म पिछले साल 2024 के सितंबर महीने में रिलीज होने वाली थी. लेकिन देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बायोपिक होने की वजह से फिल्म के कंटेंट पर कई तरह की आपत्तियां दर्ज कराई गईं. फिल्म को लेकर सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिलने पर भी खूब विवाद हुआ. कई तरह की बाधाओं को पार कर फाइनली फिल्म को 17 जनवरी की रिलीज डेट मिली.

‘अब कभी पॉलिटिकल फिल्म नहीं बनाऊंगी’
न्यूज 18 से बातचीत में कंगना ने कहा कि उन्हें उनका सबक मिल गया है. वो बोलीं, “मैं फिर कभी कोई राजनीतिक फिल्म नहीं बनाऊंगी. मैं बहुत प्रेरित नहीं हूं. इसे बनाना बहुत मुश्किल है. अब मुझे समझ में आया कि बहुत से लोग ऐसा क्यों नहीं करते, खासकर वास्तविक जीवन के किरदारों पर. इतना कहने के बाद भी, मुझे लगता है कि अनुपम खेर जी ने मनमोहन सिंह के रूप में द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर में कमाल किया. ये उनके सर्वश्रेष्ठ एक्ट में से एक है. लेकिन अगर आप मुझसे पूछें, तो मैं इसे फिर कभी नहीं बनाऊंगी.

‘कहां जाकर रोती’
इमरजेंसी की मेकिंग के दौरान भी उन्हें कई जद्दोजहद से गुजरना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी भी इसे काम के आड़े नहीं आने दिया. वो बोलीं, ”मैंने इस सेट पर कभी अपना आपा नहीं खोया. अगर आप प्रोड्यूसर हैं, तो आप किस पर अपना आपा खो देंगे?” हंसते हुए कंगना आगे बोलीं, ”एक डायरेक्टर के तौर पर, आप प्रोड्यूसर से लड़ सकते हैं लेकिन अगर आप दोनों की भूमिका निभा रहे हैं, तो आप किससे लड़ सकते हैं? मैं जोर से कहना चाहती थी कि मुझे और पैसे चाहिए और मैं खुश नहीं हूं. पर मैं कहां जाके रोती? किसको क्या बोलती?”

कई मुश्किलों का किया सामना
कंगना ने कहा कि ‘गुस्सा और लाचारी’ अक्सर उन्हें घेर लेती थी. “हम महामारी के दौरान शूटिंग कर रहे थे. मेरे पास मेरा इंटरनेशनल ग्रुप भी था और वो बहुत सख्त माने जाते हैं. उनके पास कड़े कॉन्ट्रैक्ट थे और उन्हें हर हफ्ते के अंत तक अपना भुगतान चाहिए था. क्योंकि वो मेरी फिल्म के लिए तय थे, इसलिए मुझे शूटिंग न करने पर भी उन्हें पेमेंट करना पड़ता था. और फिर, असम में बाढ़ आ गई. मेरे पास बाकी मुद्दे भी थे जिनसे मैं निपट रही थी. मैं इस फिल्म को बनाने के लिए संघर्ष कर रही थी. मुझे बेसहारा महसूस होता था. मैं निराश महसूस करती थी. लेकिन मैं अपनी निराशा किसे दिखाऊं? कोई नहीं था.”

परिवार ने संभाला
लेकिन कंगना को ये स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं है कि ये उनका परिवार था और खास तौर पर उनकी बहन रंगोली चंदेल, जिसने उनका गुस्सा झेला. कंगना बोलीं, “जब आपके पास मेरी तरह एक परेशान करने वाली नौकरी होती है, तो आप अपने परिवार को हल्के में लेते हैं. कोई तो होना चाहिए जिसको आप कुछ भी बोल सकते हो. कभी-कभी, मैं उनसे बात भी नहीं करती. एक परिवार का होना ही सौभाग्य की बात है जिसके साथ आप खुद की तरह रह सकते हैं.”

Latest articles

रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप, 4 मीटर ऊंची सुनामी जापान में 20 लाख लोग निकाले गए

रूस के कामचटका प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भीषण भूकंप, 4 मीटर ऊंची सुनामी!...

भारी बारिश के चलते स्कूलों में बुधवार को अवकाश घोषित

भेल भोपालभारी बारिश के चलते स्कूलों में बुधवार को अवकाश घोषित,राजधानी भोपाल के स्कूलों...

भेल कर्मचारियों को वेतन के साथ मिलेगा पीपीपी बोनस

भेल भोपालभेल कर्मचारियों को वेतन के साथ मिलेगा पीपीपी बोनस भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड...

More like this