Fatty Liver Causes: फैटी लीवर एक तेज़ी से बढ़ती बीमारी है, जो दुनियाभर में फैल रही है. इसमें लीवर पर चर्बी जमा हो जाती है, जिससे इस अंग का काम धीमा हो जाता है. कई बार, अगर फैटी लीवर की समस्या का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह लीवर सिरोसिस और लीवर कैंसर जैसी बीमारियों के खतरे को बढ़ा देती है.
लीवर हमारे शरीर का एक ऐसा अंग है जो अन्य सभी महत्वपूर्ण अंगों को सुरक्षा प्रदान करता है. लीवर की मदद से भोजन पचता है, जिससे गट हेल्थ भी सुधरती है. इसका सीधा सा मतलब है कि अगर हम बीमारियों से बचना चाहते हैं, तो अपने लीवर को स्वस्थ रखना ज़रूरी है. हार्ट अटैक और लीवर पर क्या कहते हैं लीवर एक्सपर्ट डॉ. सरीन, आइए जानते हैं.
क्या बोले एक्सपर्ट? लीवर है सभी बीमारियों की जड़!
भारत के जाने-माने गैस्ट्रो एक्सपर्ट और लीवर विशेषज्ञ डॉ. शिव कुमार सरीन के अनुसार, लीवर सभी बड़ी बीमारियों की जड़ है. अगर हम इस एक अंग को स्वस्थ नहीं रखते हैं, तो यह दिल, किडनी, बीपी और यहाँ तक कि कैंसर का भी कारण बन सकता है. इसलिए, लीवर की बीमारी अप्रत्यक्ष रूप से हार्ट अटैक से जुड़ी हुई है.
क्यों होता है ऐसा? फैटी लीवर और कोलेस्ट्रॉल का कनेक्शन
दरअसल, फैटी लीवर की स्थिति में भोजन को सही ढंग से पचाने में समस्या होती है. लीवर में फैट बढ़ने से उसकी कार्यक्षमता ख़राब हो जाती है, ऐसी स्थिति में शरीर के अंदर खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ जाता है. खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण दिल की धमनियों में ब्लॉकेज हो जाती है. ब्लॉकेज से हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट होता है. वहीं, फैटी लीवर और हार्ट अटैक के कुछ लक्षण भी सामान्य होते हैं, जैसे मोटापा, हाई बीपी और हाई शुगर लेवल.
कैसे करें बचाव? डॉ. सरीन के सुझाए उपाय
डॉक्टर ने फैटी लीवर की समस्या को कम करने के लिए कुछ उपाय सुझाए हैं:
- स्लिम-फिट रहें: एक्सपर्ट कहते हैं कि आपको अपनी हाइट के हिसाब से वज़न बनाए रखना होगा. अगर आपकी हाइट 170 सेमी है, तो इसमें से 100 घटा दें. इसका मतलब आपका वज़न लगभग 70 किग्रा होना चाहिए. यदि फैटी लीवर की समस्या आनुवंशिक है, तो वज़न 65 किग्रा होना चाहिए.
- कमर पतली रखें: आपकी कमर पतली होनी चाहिए. इसका मानदंड इस प्रकार है: महिला की कमर का आकार 28 और हिप लाइन 4 होनी चाहिए. इसका मतलब है कि महिलाओं में कमर का आकार 0.7 और पुरुषों में 0.9 होना चाहिए. डॉक्टर कहते हैं कि आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप खुद को जींस के साइज़ में फिट करें, न कि अपनी कमर के हिसाब से जींस खरीदें. इसके लिए व्यायाम और वज़न कम करना ज़रूरी है.
- मस्से और काली लाइनें: अगर किसी की गर्दन के पास मस्से और काली लाइनें हैं, जिसे हम गंदगी कहते हैं, तो यह भी फैटी लीवर का एक संकेत है.
- घी खाएँ: अपने आहार में विभिन्न प्रकार के तेलों के बजाय देसी घी का प्रयोग करें. शुद्ध और घर का बना घी खाने से लीवर स्वस्थ रहता है.
क्या न करें? इन बातों से रहें दूर
- बाहर का खाना खाने से बचें.
- शुगर और फैट आधारित खाद्य पदार्थों से दूर रहें.
- रोजाना पैदल चलें और व्यायाम करें.
- यदि पारिवारिक इतिहास है, तो समय-समय पर अपनी जाँच करवाते रहें.
फैटी लीवर के कुछ अन्य संकेत:
- थकान महसूस होना.
- पेट के ऊपरी दाएँ हिस्से में दर्द.
- दर्द और बेचैनी.
- वज़न घटना.
- पेट में सूजन.
- त्वचा में खुजली और पैरों में सूजन.