‘अगर अखिलेश बोल दें तो अभी मायावती का दरवाजा खटखटा दूंगा’, राजभर का बयान

लखनऊ,

राष्ट्रपति चुनाव से पहले ही समाजवादी पार्टी-सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के गठबंधन में दरार बढ़ती जा रही है. अब सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर का बयान आया है. उन्होंने सीधे तौर पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को निशाने पर लिया है. राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव जिस दिन कह देंगे कि आप जाओ तो उसी दिन मायावती का दरवाजा खटखटा देंगे.

बता दें कि राजभर पिछले कुछ दिनों से अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं. वहीं, हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के लखनऊ आने के बाद दोनों दलों के बीच दूरियां खुलकर सामने आ गई. अखिलेश ने इस मीटिंग में ओपी राजभर और प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव को नहीं बुलाया, जिसके बाद दोनों ने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर दिया.

‘अखिलेश निकालेंगे तो मायावती के पास जाएंगे’
अब ओपी राजभर ने फिर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जिस दिन अखिलेश यादव बाहर का रास्ता दिखा देंगे, उस दिन मायावती का दरवाजा खटखटाएंगे. राजभर वाराणसी में पार्टी कार्यकर्ताओं और विधायकों के साथ मंडल स्तरीय समीक्षा बैठक में शामिल होने पहुंचे थे. यहां राजभर ने आजतक से खास बातचीत की.

अपने बयान पर कायम हूं: राजभर
लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ और रामपुर सीट हारने पर अखिलेश यादव को एसी से निकलकर प्रचार करने की सलाह देने पर अफसोस के सवाल पर राजभर ने कहा कि बिल्कुल सलाह देनी चाहिए. हम हमेशा सच बोलते हैं और सच के सिवाए कुछ नहीं बोलते हैं. हम अपने बयान पर कायम हैं. लेकिन मेरा बोलना कुछ लोगों को बुरा लगा. लोकसभा चुनाव के बाद बता दूंगा कि यह बयान सही था या गलत.

द्रौपदी मुर्मू आदिवासी, इसलिए समर्थन कर रहे
उन्होंने सपा के साथ गठबंधन पर कहा कि अभी वे अखिलेश जी के साथ हैं, लेकिन जिस दिन अखिलेश कह देंगे कि आप अपना जाओ तो उस दिन मायावती जी का दरवाजा खटखटाएंगे. BJP की जगह BSP से गठबंधन के सवाल पर कहा कि द्रौपदी मुर्मू का समर्थन तो केजरीवाल और मायावती भी कर रही हैं. उद्धव ठाकरे भी कर रहे हैं. दल की राजनीति से ऊपर उठकर इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि वह आदिवासी महिला हैं और उनको सर्वोच्च कुर्सी पर बैठाया जा रहा है. जैसा बाबा साहब का सपना है.

शिवपाल की चिट्ठी का समर्थन
विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिंहा के खिलाफ शिवपाल यादव की अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखे जाने का ओपी राजभर ने समर्थन किया. उन्होंने कहा कि ये सवाल अखिलेश यादव से होना चाहिए. राजभर ने यह भी साफ किया कि आज 8 मंडलों में होने वाली समीक्षा बैठक रूटीन का कार्यक्रम है. ना कि किसी तरह की टूट की वजह से हो रही है. उन्होंने साफ किया कि शशि प्रताप के चले जाने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. क्योंकि समुद्र से एक गिलास पानी निकाल लेने से कोई फर्क नहीं पड़ता है.

NDA की ओर से जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने और तमाम विवादों में रहने के सवाल पर ओपी राजभर ने कहा कि उनका फैसला भाजपा करेगी, हम लोगों की चिंता का विषय नहीं है

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