मुंबई
प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय को नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को-लोकेशन घोटाले मामले में गिरफ्तार किया। आरोप है कि संजय पांडेय की कंपनी ने एनएसई के दो शेयर ब्रोकर के ‘ऑडिट’ में कथित रूप से सेबी के नियमों का उल्लंघन किया। ये ब्रोकर विवादों में घिरी ‘को-लोकेशन’ सुविधा का उपयोग कर रहे थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मिली सूचना के आधार पर कंपनी आईसेक सर्विसेज के खिलाफ 19 मई को एफआईआर दर्ज की गई थी।
ईडी ने कंपनी की ओर से शेयर ब्रोकरों से संबंधित ‘सिस्टम ऑडिट’ में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के परिपत्र के उल्लंघन को पकड़ा था। ये ब्रोकर को-लोकेशन सुविधा का उपयोग कर एलगोरिदमिक कारोबार में शामिल थे। एफआईआर सोमवार को सार्वजनिक की गई थी। ‘को-लोकेशन’ सुविधा के तहत एनएसई सर्वर परिसर में शेयर ब्रोकरों को कुछ शुल्क देकर को- सर्वर लगाने की सुविधा मिलती है। ‘को-लोकेशन’ सुविधा अब सीबीआई की जांच के घेरे में है।
संजय पांडेय की कंपनी ने गलत तरीके से ऑडिट किए
सीबीआई ने आरोप लगाया कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडेय की कंपनी आईसेक सर्विसेज ने उच्च जोखिम वाले दो ब्रोकर…एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज लिमिटेड और शास्त्र सिक्योरिटीज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के ‘ऑडिट’ उस समय गलत तरीके से किए, जब को-लोकेशन घोटाला जारी था।
इस्तीफा देकर कंपनी का गठन किया था
गौरतलब है कि जांच एजेंसी ने नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी चित्रा रामकृष्ण को ‘को-लोकेशन’ घोटाला मामले में गिरफ्तार किया है। संजय पांडेय ने मार्च, 2001 में पुलिस सेवा से इस्तीफा देकर आईसेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का गठन किया था। प्राथमिकी के अनुसार, कंपनी ने शेयर ब्रोकर की कंपनियों का ऑडिट 2013-19 के दौरान किया। इसमें नियमों का उल्लंघन किया गया।