आटा, गेहूं और दाल की खुली बिक्री पर नहीं लगेगा जीएसटी, सरकार ने किया क्लीयर

नई दिल्ली

सरकार ने साफ किया है कि दाल, गेहूं और आटा की खुली बिक्री पर कोई जीएसटी (GST) नहीं लगेगा। प्रीपैकेज्ड अनाज, दाल, आटा, छाछ और दही पनीर पर हाल में पांच फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला किया गया था। पहले ये चीजें जीएसटी के दायरे से बाहर थीं। जीएसटी काउंसिल की हाल में चंडीगढ़ में हुई बैठक में कई चीजों पर जीएसटी लगाने का फैसला किया गया था। ये दरें 18 जुलाई यानी आज से लागू हो गई हैं। इससे इस बात को लेकर भ्रम की स्थिति हो गई थी कि इनकी खुली बिक्री पर भी जीएसटी लगेगा या नहीं। लेकिन सरकार ने साफ किया है कि इनकी खुली बिक्री पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया कि जीएसटी काउंसिल ने गेहूं, आटा, चावल समेत कई चीजों की खुली बिक्री को जीएसटी से मुक्त रखा है। इनमें दाल, गेहूं, राई, जौ, मक्का, चावल, आटा, सूजी, बेसन, मुरमुरे, दही और लस्सी शामिल है। हालांकि इनकी प्रीपैक्ड या लेबल्ड के तौर पर बिक्री के मामले में पांच फीसदी जीएसटी लगेगा।

सीतारमण ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की हाल में हुई बैठक में दाल, अनाज और आटे जैसी कुछ चीजों पर जीएसटी लगाने की अप्रोच पर पुनर्विचार करने की सिफारिश की गई थी। इस बारे में कई तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं। यह दावा किया जा रहा है कि पहली बार खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया जा रहा है। लेकिन इसमें सच्चाई नहीं है। जीएसटी की व्यवस्था से पहले से ही राज्य खाद्यान्नों पर रेवेन्यू वसूल रहे थे। उदाहरण के लिए पंजाब परचेज टैक्स के नाम पर खाद्यान्नों पर 2000 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स वसूल रहा था। इसी तरह उत्तर प्रदेश ने 700 करोड़ रुपये वसूले। जब जीएसटी लागू किया गया ब्रांडेड अनाज, दाल और आटे पर पांच फीसदी जीएसटी लगाया गया। बाद में इसमें बदलाव किया गया और केवल रजिस्टर्ड ब्रांड पर ही जीएसटी लगाया गया। लेकिन कई ब्रांड्स ने इसका दुरुपयोग किया और इन चीजों पर जीएसटी रेवेन्यू में भारी गिरावट आई। यही वजह है कि जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में इन चीजों के प्रीपैकेज्ड और लेबल्ड के तौर पर बिक्री पर जीएसटी लगाने का फैसला किया गया।

क्या-क्या हुआ था महंगा
जीएसटी काउंसिल की हाल में चंडीगढ़ में हुई बैठक में कई चीजों पर जीएसटी लगाने का फैसला किया गया था। साथ ही कई चीजों पर जीएसटी की दर बढ़ा दी गई थी। ये दरें 18 जुलाई यानी आज से लागू हो गई हैं। बैठक में डिब्बा या पैकेटबंद और लेबल युक्त (फ्रोजन को छोड़कर) मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पाद, गेहूं और अन्य अनाज तथा मुरमुरे पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया गया था। हालांकि इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी।

बाद में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने जीएसटी ऑन प्रीपैकेज्ड एंड लेबल्ड नाम से जारी एक एफएक्यू में चीजों को स्पष्ट किया था। इसमें बताया गया कि यदि दाल, आटा, चावल जैसे फूड आइटम्स की पैकिंग लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट, 2009 के हिसाब से होती है और उस पैकिंग का वजन 25 किलो से ज्यादा होता है तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा। उसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी बोरी में 5-5 किलो या 10-10 किलो के पैक डालकर उस पूरी बोरी का वजन 25 किलो से अधिक कर दिया जाता है तो उसे जीएसटी से छूट नहीं मिलेगी। यानी कि सिंगल पैकिंग का वजन 25 किलो से अधिक होना चाहिए, तभी छूट मिलेगी।

About bheldn

Check Also

UP: बेटे को बेचकर अस्पताल से बीवी को कराया डिस्चार्ज, कुशीनगर में दिल दहला देने वाली वारदात

कुशीनजर, उत्तर प्रदेश के कुशीनजर जिले में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई …