28.5 C
London
Tuesday, July 1, 2025
Homeराष्ट्रीयतो अनर्थ हो जाएगा... मंकीपॉक्स की 'गुप्त' जांच की बात क्यों कह...

तो अनर्थ हो जाएगा… मंकीपॉक्स की ‘गुप्त’ जांच की बात क्यों कह रहे हैं एक्सपर्ट

Published on

पुणे/नई दिल्ली

देश में मंकीपॉक्स के 4 मरीज सामने आ चुके हैं। एक्सपर्ट कह रहे हैं कि कड़ी निगरानी के जरिए ही इसे फैलने से रोका जा सकता है। संक्रमित व्यक्तियों को आइसोलेट करने के साथ ही उनके संपर्क में आए लोगों को अलग करके संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाई जा सकती है। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में मंकीपॉक्स की निगरानी बहुत ही सावधानीपूर्वक की जानी चाहिए। इसके अलावा, किसी विशिष्ट समूह पर आरोप या कलंक से बचने के लिए यह सब गुप्त तरीके से होना चाहिए। वैसे तो, मंकीपॉक्स वायरस से कोई भी संक्रमित हो सकता है लेकिन मौजूदा प्रकोप में देखा जा रहा है कि पश्चिमी देशों में मुख्य रूप से यह गे (समलैंगिक) या बाइसेक्शुअल पुरुषों में फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को चिंताजनक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। दुनिया के 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं और अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है।

समलैंगिकों में ज्यादा
LNJP के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि यह डीएनए वायरस होता है, जो हवा में नहीं फैलता है लेकिन मरीज के संपर्क में आने से, उसके ड्रॉपलेट्स से और शारीरिक संबंध की वजह से एक से दूसरे में जा सकता है। यही वजह है कि 98 प्रतिशत समलैंगिकों में पाया जा रहा है। भारत में अब तक चार मामले सामने आए हैं और इनमें से तीन की ट्रेवल हिस्ट्री रही है।

इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि एचआईवी संक्रमित और सेक्शुअल बिहैवियर के उच्च जोखिम वाले लोगों की टारगेटेड सर्विलांस जरूरी है। हालांकि एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि संक्रमण फैलने से रोकने के लिए इस तरह के प्रयासों को थोड़ा सावधानी से और फेसलेस तरीके से किया जाना चाहिए। सेंटिनल सेंटर और सेक्शुअल हेल्थ क्लिनिक में रैंडम तरीके से सैंपल की टेस्टिंग भी गुप्त तरीके से की जानी चाहिए। एक्सपर्ट का कहना है कि इस तरीके से भेदभाव रोका जा सकेगा।

एड्स के खिलाफ वैश्विक प्रयासों की अगुआई कर रही एजेंसी यूएनएड्स (UNAIDS) ने एक बयान में कहा है कि एड्स रोकने के लिए उठाए गए कदमों से यह सबक मिला है कि किसी खास समूह पर कलंक या आरोप लगाने से प्रकोप के खिलाफ प्रयास कमजोर पड़ सकते हैं। भारत के पास संक्रामक रोग की गुप्त निगरानी का अनुभव है। एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कहा कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) के माध्यम से प्रमुख आबादी में मंकीपॉक्स की निगरानी की जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘अगर दोषारोपण किया गया तो लोग आगे नहीं आएंगे क्योंकि इससे अप्रत्यक्ष रूप से उनकी सेक्शुअल पहचान सबके सामने आ जाएगी।’

भारत में एचआईवी सर्विलांस गर्भवती महिलाओं, सिंगल प्रवासी पुरुष, लंबी दूरी के वाहन चालकों, केंद्रीय जेलों के कैदी, महिला सेक्स वर्कर, समलैंगिक पुरुष, ट्रांसजेंडर लोग, ड्रग यूजर्स में की जाती रही है। कम्युनिटी मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. अरविंद कुशवाहा ने कहा कि सेंटिनल साइट्स के जरिए सर्विलांस एक बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि बेवजह टेस्टिंग से कोई फायदा नहीं होगा। डॉ. कुशवाहा ने यह भी कहा कि मंकीपॉक्स में महामारी की तरह प्रसार की क्षमता नहीं है।संक्रामक रोग एक्सपर्ट डॉ. संजय पुजारी ने कहा कि विशिष्ट समूहों या लोगों को अलग करने से प्रकोप अंडरग्राउंड हो सकता है। ऐसे में निगरानी बेहद संवेदनशील तरीके से होनी चाहिए और लोगों तक संदेश बिल्कुल स्पष्ट जाना चाहिए और किसी विशेष ग्रुप पर आरोप मढ़ने से बचा जाना चाहिए।

Latest articles

लापरवाह अधिकारियों पर होगी सख्त कार्यवाई: राज्यमंत्री श्रीमती गौर

भेल भोपाललापरवाह अधिकारियों पर होगी सख्त कार्यवाई: राज्यमंत्री श्रीमती गौर,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण...

MP Guest Teachers Bharti:मध्य प्रदेश में गेस्ट टीचर्स की बंपर भर्ती 70 हज़ार पदों पर ऑनलाइन आवेदन 30 जून से शुरू

MP Guest Teachers Bharti: मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया...

More like this

यमुनोत्री हाईवे पर बादल फटा 9 मज़दूर लापता सड़कें बंद बचाव कार्य जारी

यमुनोत्री हाईवे पर बादल फटा 9 मज़दूर लापता सड़कें बंद बचाव कार्य जारी,उत्तराखंड में...

Weather Forecast: 29 जून 2025 को देश के 27 राज्यों में बारिश का अलर्ट, गुजरात-उत्तराखंड में ऑरेंज चेतावनी

Weather Forecast: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के ताज़ा पूर्वानुमान के अनुसार 29 जून...