क्या होता है मिथाइल अल्कोहल, शरीर पर क्या असर, कैसे बनती है जहरीली शराब?

अहमदाबाद

गुजरात के बोटाड में कथित रूप से जहरीली शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है। अस्पताल में 70 से अधिक का इलाज चल रहा है जिसमें 11 की हालत नाजुक है। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया है और एफआईआर में 24 लोगों के नाम दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक, गांव के लोगों को सीधे तौर पर मिथाइल अल्कोहल में पानी मिलाकर दिया गया। फरेंसिक लैब की रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ गांव के लोगों को कथित तौर पर जो शराब दी गई उसमें 8 फीसदी से अधिक मिथाइल था। आगे जानिए क्या है मिथाइल अल्कोहल .या मेथेनॉल और कैसे बनी यह मौत की वजह?

क्या होता है मिथाइल अल्कोहल?
सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, मिथाइल अल्कोहल (मेथेनॉल) का केमिकल फॉर्म्युला CH3OH है। यह रंगहीन और तेज गंध वाला लिक्विड है। इसका इस्तेमाल सॉल्वेंट, डिआइसर (बर्फ पिघलाने वाला सॉल्यूशन) के अलावा प्लास्टिक, पॉलिएस्टर और दूसरे केमिकल के निर्माण में किया जाता है।

शरीर पर इसका क्या असर?
न्यूरोसर्जन के मुताबिक, मिथाइल अल्कोहल दिमागी कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। इससे शरीर में सुन्न और अंधेपन की समस्या आ सकती है। इसकी अधिक मात्रा या ज्यादा समय तक इसका इस्तेमाल मौत का कारण बन सकती है। लखनऊ स्थित केजीएमयू के फरेंसिक मेडिसिन ऐंड टॉक्सिकोलॉजी के एचओडी प्रफेसर डॉ. अनूप वर्मा ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में बताया, ‘मिथाइल अल्कोहल के शरीर में जाते ही लीवर इसे मेटाबॉलाइज करता है जिससे फार्मेल्डिहाइड बनता है। फॉर्मेल्डिहाइड शरीर में फार्मिक एसिड बनाता है।’

आंखों पर सबसे पहले असर, फिर मौत
डॉ. अनूप वर्मा ने बताया, ‘इसका असर सबसे पहले आंखों के रेटिना पर पड़ता है। आंखों की रौशनी तक चली जाती है। उसके बाद बॉडी में एसिडिटी बढ़ जाती है। इसकी वजह से मरीज की सांसें तेज-तेज चलने लग जाती है और श्वसन प्रकिया गड़बड़ होने से आखिर में मौत हो जाती है।’

पानी में मिलाकर पीने से क्या होता है?
प्रफेसर के अनुसार, पानी में मिथाइल अल्कोहल मिलाकर पीने से अब्जॉर्शन बढ़ता है। वह कहते हैं, ‘डॉल्यूजन जितना ज्यादा होगा उतना अब्जॉर्शन बढ़ता है। अगर कोई कंसेंट्रेटेड अल्होकल का सेवन करता है तो वह पेट में जाकर ब्लड सर्कुलेशन वाली नली को कंस्ट्रिक (संक्रेदित) करता है। इस दिशा में अब्जॉर्शन कम हो जाता है। जितना डॉल्यूट करते हैं उतना अब्जॉर्शन बढ़ेगा और लीवर उतना तेजी से मेटाबॉलाइज करेगा जिससे नुकसान अधिक होने की संभावना होती है।’

इथेनॉल और मेथेनॉल को लेकर भ्रम
मिथाइल अल्कोहल को लेकर लोगों में भ्रम भी है। दरअसल इथाइल अल्कोहल का इस्तेमाल शराब बनाने में किया जाता है। इसके लिए इसकी तीव्रता कम करनी पड़ती है। जबकि मिथाइल अल्कोहल जहर का दूसरा रूप है। इसे केमिकल इंडस्ट्री में इस्तेमाल किया जाता है। दोनों का नाम मिलता-जुलता है इसलिए लोग भ्रम में मिथाइल अल्कोहल को पानी में मिलाकर शराब की जगह इस्तेमाल कर लेते हैं।

20 रुपये के पाउच में बेची गई ‘मौत’
गुजरात जहरीली शराब कांड में पुलिस ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि बोटाद के अलग-अलग गांवों के कुछ छोटे शराब तस्करों ने ‘मिथाइल अल्कोहल’ (मेथेनॉल) में पानी मिलाकर नकली शराब बनाई थी, जो बेहद जहरीली होती है। वे 20 रुपये ‘पाउच’ के दाम पर उसे गांववालों को बेचते थे। मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

डीजीपी आशीष भाटिया ने बताया कि 14 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 328 और 120-बी के तहत तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं और उनमें से अधिकतर लोगों को हिरासत में ले लिया गया है।

मिथाइल अल्कोहल का सीधे पानी में मिलाकर सेवन हुआ
जांच में सामने आया है कि लोगों ने जहरीली शराब नहीं बल्कि नशे के लिए केमिकल (मिथाइल अल्कोहल) को सीधे पानी में मिलाकर पिया था। एफएसएल रिपोर्ट में जहरीली शराब के नमूने में मिथाइल अल्कोहल पाया गया है।

About bheldn

Check Also

अब NO राजनीति! दरभंगा AIIMS पर दिल्ली से आई गुड न्यूज, ताजा अपडेट जान लीजिए

दरभंगा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दरभंगा के शोभन बाइपास वाली जमीन को एम्स निर्माण के …